देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी-ओम थानवी

देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूरी-ओम थानवी
अजमेर में पीयूसीएल का जिला सम्मेलन।
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8 सितम्बर को अजमेर में पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज संगठन (पीयूसीएल) का जिला सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में मुख्यवक्ता के तौर पर बोलते हुए देश के वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होना जरूरी है। आज देश में ऐसा माहौल बन रहा है कि जिसमें लगता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का लोकतंत्र तभी मजबूत रहेगा, जब बोलने की आजादी हो। हो सकता है कि ऐसी आजादी सत्ता में बैठे लोगों को पसंद न हो। लेकिन लोकतंत्र में कौन कब सत्ता में आ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का पुराना इतिहास रहा है। उन्होंने माना कि अब मीडिया घरानों पर भी दबाव आने लगा है। लेकिन फिर भी भारत का मीडिया काफी हद तक स्वतंत्रता के साथ कार्य कर रहा है। सम्मेलन में प्रख्यात समाज सेविका अरुणा राॅय ने महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा पांच बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार करने की निंदा करते हुए कहा कि आज देश में भय का माहौल बनाया जा रहा है। सरकार किस तरह से काम कर रही है इसका अंदाजा सुप्रीम कोर्ट के दखल से लगाया जा सकता है।  महाराष्ट्र पुलिस ने जिन पांच प्रमुख बुद्धिजीवियों को नक्सवादियों की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। सम्मेलन में अरुणा राॅय की पुस्तक आरटीआई कैसे आई का लोकार्पण भी किया गया। सम्मेलन में कामरेड डीएल त्रिपाठी ने कहा कि आज विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। राष्ट्रवाद के नाम पर ऐसा माहौल खड़ा किया जा रहा है जिसमें विरोधियों को देशद्रोही साबित किया जा सके। सम्मेलन में अनंत भटनागर ने पीयूसीएल की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सिस्टर गीता कैरोल ने भी विचार व्यक्त किए।
एस.पी.मित्तल) (08-09-18)
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