तो यह वसुंधरा राजे सरकार की छवि को सुधरने की कोशिश है।

तो यह वसुंधरा राजे सरकार की छवि को सुधरने की कोशिश है। पेट्रोल डीजल पर वेट घटाने का श्रेय सबसे पहले राजस्थान को दिलवाया। राजस्व में दो हजार करोड़ रुपए की कमी।
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देश में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कोई बीस राज्यों में सरकारें हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने पेट्रोल डीजल पर से वेट घटाने का श्रेय सबसे पहले राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को दिलवाया है। दिल्ली में 8 व 9 सितम्बर को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के बाद सीएम राजे 9 सितम्बर को ही लौटी थीं और इसी दिन बीकानेर संभाग की अपनी गौरव यात्रा में राजस्थान में 4 प्रतिशत वेट घटाने का ऐलान कर दिया। इससे राजस्थान में पेट्रोल डीजल करीब ढाई रुपए सस्ता हो गया। नवम्बर में राजस्थान के साथ-साथ मध्यप्रदेश और छत्तसीगढ़ में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। लेकिन पिछले दिनों मीडिया में जो सर्वे आए, उसमें सबसे खराब स्थिति राजस्थान की बताई गई। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह और छत्तसीगढ़ में रमन सिंह की स्थिति अच्छी और मजबूत बताई गई, लेकिन राजस्थान में वसुंधरा राजे को कांग्रेस से पीछे या बराबर बताया गया। चुनाव के मद्देनजर तीन मीडिया घरानों ने अब तक सर्वे जारी किया, तीनों में ही राजस्थान में भाजपा की स्थिति कमजोर आंकी गई। इसको लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व भी चिंतित रहा। यही वजह रही कि अब राष्ट्रीय नेतृत्व राजस्थान में भाजपा और सरकार की छवि सुधारने में लगा है। यह बात अपने आप में महत्वपूर्ण है कि भाजपा शासित राज्यों में सबसे पहले राजस्थान में पेट्रोल डीजल पर वेट कम करने की घोषणा करवाई गई है। यह बात बेमानी है कि कांग्रेस के भारतबंद के दबाव में वेट घटाया गया है। यदि ऐसा होता तो कम से कम मध्यप्रदेश और छत्तसीगढ़ में तो एक साथ घोषणा करवाई जाती। यह देखना होगा कि राजे को देशभर में श्रेय दिलवाने के बाद कितने भाजपा शासित राज्य वेट में कटौती करते हैं। इस फैसले का दबाव कांग्रेस शासित राज्यों पर भी पड़ेगा।
दो हजार करोड़ रुपए की कमीः
भाजपा सरकार ने चार प्रतिशत वेट घटाने का जो निर्णय लिया है, उससे सरकार के राजस्व में दो हजार करोड़ रुपए वार्षिक की कमी होगी। सरकार के लिए यह घाटा मायने रखता है।
20 दिन में तीन दौरेः
भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व राजस्थान को लेकर कितना चिंतित हे, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आगामी 20 दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह राजस्थान के तीन दौरे करेंगे। शाह 11 सितम्बर को जयपुर प्रवास में प्रदेश भर के भाजपा पार्षदों और निकाय प्रमुखों से सीधा संवाद करेंगे। हालांकि राजस्थान को लेकर कांग्रेस भी उत्साहित है और संभाग स्तरीय रैलियांे में भीड़ जुटा कर जीत का दावा कर रही है, लेकिन नरेन्द्र मोदी और अमितशाह की जोड़ी राजस्थान में पूरी ताकत लगा देगी। इसकी शुरुआत पेट्रोल डीजल पर वेट घटा कर कर दी है। ऐसे हथियार अभी और भी इस्तेमाल होंगे। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बना कर वसुंधरा राजे को भी संकेत दे दिए हैं।
एस.पी.मित्तल) (10-09-18)
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