परबतसर में कांग्रेस की संभाग रैली क्या अजमेर और नागौर में भाजपा की राजनीति पर असर डालेगी?

परबतसर में कांग्रेस की संभाग रैली क्या अजमेर और नागौर में भाजपा की राजनीति पर असर डालेगी? पिछले चुनावों में 18 में से 1 भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली।
=======
12 सितम्बर को कांग्रेस ने नागौर जिले के परबतसर कस्बे में अजमेर संभाग की रैली की। एक दिन पहले ही करौली में संभाग स्तरीय रैली की गई थी। आम तौर पर संभाग मुख्यालय पर ही राजनीतिक दलों के कार्यक्रम होते हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस परंपरा को तोड़ते हुए ग्रामीण क्षेत्र में रैली करने का निर्णय लिया है, इसलिए 12 सितम्बर को अजमेर मुख्यालय के कार्यकर्ताओं को भी परबतसर जाना पड़ा। यूं तो अजमेर संभाग के टोंक और भीलवाड़ा के कार्यकर्ता भी रैली में पहुंचे, लेकिन भीड़ जुटाने की असली जिम्मेदारी नागौर और अजमेर जिले की ही थी। असल में वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की इन दिनों जिलों में बुरी स्थिति रही। नागौर के 10 और अजमेर के 8 विधानसभा क्षेत्रों में एक पर भी कांग्रेस को सफलता नहीं मिली। नागौर में सिर्फ एक सीट पर निर्दलीय हनुमान बेनीवाल ही जीत पाए। यानि 18 में से 17 सीटों पर भाजपा की जीत हुई, लेकिन बाद में बदली परिस्थितियों से कांग्रेस को उत्साह मिला। सांवरलाल जाट के सांसद बनने के बाद नसीराबाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत हुई तो लोकसभा के उपचुनाव में स्वर्गीय सांवरलाल जाट के पुत्र रामस्वरूप लाम्बा के भाजपा उम्मीदवार होने के बाद भी कांग्रेस को जीत मिली। भाजपा के लिए बुरी बात यह रही कि उपचुनाव में सभी विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस को लगता है कि भाजपा के गढ़ माने जाने वाले जाट बहुल्य नागौर पर कब्जा कर लिया जाएगा। इसलिए अजमेर संभाग की रैली नागौर के परबतसर उपखंड पर की गई। 12 सितम्बर को जुटी भीड़ से भी कांगेस के नेता उत्साहित है। नागौर के भाजपा सांसद सीआर च ौधरी केन्द्रीय मंत्री हैं तो 9 में से 2 विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री है। परिवहन और पीडब्ल्यूडी जैसे मलाईदार महकमे माने जाने वाले विभाग मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भरोसेमंद यूनुस खान के पास हैं। इस चुनाव में भाजपा सांसद सीआर च ौधरी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। 12 सितम्बर को रैली को सफल बनाने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा के गढ़ में इतनी भीड़ जुटने से कांग्रेस नेताओं के हौंसले बुलंद हैं।
बड़े नेताओं ने फिर दिखाई एकताः
संभाग स्तरीय रैली में भाग लेने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं ने एक बार फिर एकता दिखाई है। 11 सितम्बर को करौली की रैली में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट बाइक पर सवार होकर रैली स्थल पर पहुंचे, तो 12 सितम्बर को दोनों नेताओं ने अजमेर के किशनगढ़ में एक टेबल पर बैठ कर ब्रेकफास्ट किया। जयपुर से परबतसर जाते हुए कांग्रेस के बड़े नेता कुछ समय के लिए किशनगढ़ रुके। यहीं पर ही एक मार्बल कारोबारी के संस्थान में कांग्रेस के नेताओं ने ब्रेकफास्ट किया। पायलट और गहलोत ने ब्रेकफास्ट की टेबल पर भी इस बात का ध्यान रखा कि दोनों पास-पास बैठें। दोनों नेताओं ने किशनगढ़ के मशहूर मक्खन बड़ा बडे़ चाव से खाए। इस अवसर पर प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी आदि भी उपस्थित थे। 12 सितम्बर को भी परबतसर की रैली में कांग्रेस के कार्यकर्ता और आम लोगों की जबर्दस्त भीड़ थी। गहलोत और पायलट ने दावा किया कि ये भीड़ अपने आप आई है। यह बात अलग है कि भीड़ जुटाने में नवम्बर में होने वाले विधानसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं का बड़ा योगदान रहा। परबतसर की रैली से पहले जयपुर में पायलट सहित सभी बड़े नेता गहलोत के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर एकत्रित हुए।
एस.पी.मित्तल) (12-09-18)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
अपने वाट्सएप ग्रुप को 7976585247 नम्बर से जोड़े
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...