अमितशाह जी थोड़ा वसुंधरा सरकार पर भी ध्यान दें।

अमितशाह जी थोड़ा वसुंधरा सरकार पर भी ध्यान दें। प्रदेश के पंचायतीराज कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर हैं, तो ग्राइंडिंग फैक्ट्रियों के मालिक 17 सितम्बर को बिजली कनेक्शन कटवाएंगे। रोडवेज की बसों का भी हो सकता है चक्का जाम। 
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह हर कीमत पर नवम्बर में होने वाले राजस्थान के विधानसभा चुनाव को जीताना चाहते हैं। इसलिए वे स्वयं राजस्थान का लगातार दौरा कर रहे हैं। 16 से 18 सितम्बर तक शाह राजस्थान में ही हैं। 16 सितम्बर को शाह ने पाली में जालौर और सिरोही के भाजपा के शक्ति केन्द्र के प्रभारियों से संवाद किया। तो शाम को ओबीसी मोर्चे के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 17 और 18 सितम्बर को भी शाह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। लेकिन वहीं राजस्थान में भाजपा सरकार के प्रति लगातार नाराजगी बढ़ रही हैं। गत 12 सितम्बर से पंचायतीराज विभाग के प्रदेशभर के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे पंचायतीराज का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे बड़ी समस्या 18 सितम्बर को प्रदेशभर में पंचायत समिति स्तर पर होने वाले लाभार्थी सम्मेलन को लेकर है। सरकार ने तय किया है कि बीडीयो, प्रसार अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी आदि मिलकर पांच हजार लाभार्थियों को एकत्रित करेंगे। ऐसे पांच हजार लाभार्थी प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर एकत्रित होंगे। लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल से सरकार का यह प्रसास विफल होता नजर आ रहा है। कर्मचारियांे का कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। प्रदेश में 12 हजार से भी ज्यादा पंचायतीराज कर्मचारी हैं।
बिजली कनेक्शन कटवाएंगेः
17 सितम्बर को सीएम राजे जयपुर के पांच सितारा होटल क्लाॅकर्स में प्रदेशभर के लघु उद्यमियों का एक सम्मेलन कर रही हैं। सरकार की ओर से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि प्रदेश में लघु उद्यमियों की स्थिति कितनी अच्छी है, लेकिन हकीकत ये है कि 17 सितम्बर को ही कोई एक हजार ग्राइंडिंग फैक्ट्रियों के मालिक अजमेर स्थित डिस्काॅम मुख्यालाय पर एकत्रित होंगे और अपनी फैक्ट्रियों के बिजली कनेक्शन को कटवाने के लिए आवेदन करेंगे। फेक्ट्री मालिकों के प्रतिनिधि अशोक माहेश्वरी का कहना है कि फेल्सपर खनिज की राजस्थान से निकासी पर रोक लगाने के लिए लगातार मांग की जा रही है। लेकिन सरकार ने इस मांग को पूरा नहीं किया है। इसलिए प्रदेश भर की तीन हजार ग्राइंडिंग फैक्ट्रियां बंद होने की स्थिति में हैं। कई फैक्ट्रियां तो बंद भी हो चुकी हैं। फैक्ट्री मालिक बिजली के बिल का भुगतान करने की स्थिति में भी नहीं है। सरकार के समक्ष कई बार फैक्ट्री मालिकों ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि गुजरात और अन्य प्रदेशों के उद्यमियों ने राजस्थान की खानों से सीधे ही फेल्सपर खनिज का सौदा कर लिया है। ऐसे में ग्राइंडिंग फैक्ट्रियों के पास काम ही नहीं बचा है। इन फैक्ट्रियों में लाखों श्रमिक काम करते हैं। ग्राइंडिंग फैक्ट्रियों की बुरी दशा के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9414002133 पर अशोक माहेश्वरी से ली जा सकती है।
हो सकता है चक्काजामः
रोडवेज कर्मी भी अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। गत माह भी बसों का चक्काजाम किया गया था, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल समाप्त कर दी। लेकिन सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतरी। इसलिए 16 सितम्बर की रात 12 बजे से एक बार फिर रोडवेज का चक्का जाम करने की घोषणा की है।
सरकार पर भी ध्यान जरूरीः
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह, प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को साथ लेकर संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। लेकिन वहीं विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार की कमजोर स्थिति से भाजपा को चुनाव में नुकसान भी हो सकता है। सीएम राजे इन दिनों जो गौरव यात्रा निकाल रही हैं उसमें भी कई स्थानों पर विरोध हुआ है। यदि पुलिस की सख्ती न हो तो हर सभा में विरोध सामने आ सकता है। 14 सितम्बर को हुई पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को जयपुर में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। नाराज लोगों ने परनामी के सामने ही काले झंडे लहराए। सीएम की गौरव यात्रा में परनामी साथ रहते हैं।
एस.पी.मित्तल) (16-09-18)
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