ओवर बिलिंग को लेकर अजमेर में टाटा पावर के खिलाफ उपभोक्ताओं का प्रदर्शन।

ओवर बिलिंग को लेकर अजमेर में टाटा पावर के खिलाफ उपभोक्ताओं का प्रदर्शन। दो हजार की जगह पचास हजार रुपए का बिल। डिस्काॅम की भी मिली भगत।
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अजमेर शहर में बिजली वितरण की व्यवस्था संभाल रही टाटा पावर कम्पनी के खिलाफ एक अक्टूबर को उपभोक्ताओं ने प्रदर्शन किया। कंपनी के हजारी बाग स्थित कार्यालय में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष एकत्रित हुए और ओवर बिलिंग को लेकर रोष प्रकट किया। छोटी बाई के पुत्र गोविंद गुर्जर का कहना था कि उनके मकान का बिल औसतन दो-तीन हजार रुपए का आता है, लेकिन इस बार पचास हजार रुपए का बिल प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार गीता देवी, मोहम्मद, प्रेम आदि अनेक उपभोक्ताओं का कहना रहा कि जो बिल दो हजार रुपए का आता रहा वह इस बार पांच हजार रुपए से भी ज्यादा का आया है। नाराज उपभोक्ता टाटा पावर के अधिकारी से यह जानना चाहते थे कि ओवर बिलिंग क्यों हुई है? लेकिन अधिकारी के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। उपभोक्ताओं से कहा गया कि कम्प्यूटर में गड़बड़ी की वजह से ओवर बिलिंग हो सकती है, लेकिन उपभोक्ताओं को राहत तभी मिलेगी, जब मीटर की जांच करवाई जाएगी। एक अक्टूबर को यह पहला अवसर नहीं था, जब उपभोक्ताओं ने इस तरह से टाटा पावर के खिलाफ नाराजगी जताई। इससे पहले भी ओवर बिलिंग को लेकर उपभोक्ता नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। दिखाने को टाटा पावर जनसुनवाई भी करती है, लेकिन इस जनसुनवाई में उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिलती। यहां तक कि कई बार अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक बीएम भामू के सामने भी जनसुनवाई की जाती है, लेकिन यह भी दिखावा मात्र होता है। इतनी शिकायतों के बाद भी डिस्काॅम के अधिकारियों ने टाटा पावर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। जाहिर है कि टाटा पावर और डिस्काॅम के अधिकारियों के बीच मिली भगत है। जिसका खामियाजा अजमेर के उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। ओवर बिलिंग को लेकर कई बार धक्के खाने के बाद भी जब बिल में सुधार नहीं होता है तो मजबूरन उपभोक्ताओं को बिल की राशि चुकानी पड़ती है। आम उपभोक्ताओं की शिकायत है कि टाटा पावर कंपनी में कोई सुनवाई नहीं होतीे है। ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी के अधिकारी ओवर बिलिंग कर अजमेर के उपभोक्ताओं से अधिक राशि जबरन वसूल रहे हैं। पहले ही बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी हो रखी है, उस पर ओवर बिलिंग ने तो आम उपभोक्ता का जीना ही दुभर कर दिया है। जिस उपभोक्ता का बिल दो हजार रुपए का आता रहा, उससे यदि पांच हजार रुपए तक वसूले जाएंगे तो उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुराने मीटर जिम्मेदारः
ओवर बिलिंग के संबंध में टाटा पावर के काॅरपोरेट हैड आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकांश उपभोक्ताओं के घरों पर पुराने मीटर लगे हुए हैं जो विद्युत निगम ने लगाए थे। इन खराब मीटरों की वजह से ही ओवर बिलिंग की शिकायत हो जाती है। कंपनी जांच के बाद उपभोक्ताओं को राहत देती है। उन्होंने माना कि ओवर बिलिंग की शिकायतें लगातार कंपनी को मिल रही है, इसलिए कंपनी अब अभियान चलाकर नए मीटर लगा रही है। उन्होंने कहा कि बिलिंग को लेकर जो मापदंड निगम ने निर्धारित कर रखे हैं, उसी के अनुरूप बिल बनाए जाते हैं। कंपनी का प्रयास है कि उपभोक्ताओं को संतुष्ट किया जाए।
एस.पी.मित्तल) (01-10-18)
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