चम्पालाल महाराज को माला पहनाने पर अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत को निर्वाचन अधिकारी का नोटिस।

चम्पालाल महाराज को माला पहनाने पर अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत को निर्वाचन अधिकारी का नोटिस। मंत्री अनिता भदेल के जवाब पर विचार।
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19 अक्टूबर को अजमेर के पटेल मैदान पर रावण दहन के समारोह में राजगढ़ स्थित मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज को माला पहनाना मेयर धर्मेन्द्र गहलोत को महंगा पड़ गया है। 20 अक्टूबर को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निर्वाचन विभाग ने गहलोत को नोटिस जारी कर दिया है। अतिरिक्त कलेक्टर अबू सूफियान ने बताया कि 19 अक्टूबर को पटेल मैदान पर रावण दहन का जो समारोह हुआ उसका खर्च नगर निगम ने वहन किया। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी खर्च पर होने वाले समारोह के मंच पर कोई भी नेता न तो माला पहना सकता है और न ही किसी का स्वागत कर सकता है। लेकिन इसके बावजूद भी मेयर गहलोत ने चम्पालाल महाराज को माला पहनाई। माला पहनाने से पहले गहलोत को पहले आगह भी किया गया, चूंकि गहलोत ने सार्वजनिक स्थल पर आचार संहिता का उल्लंघन किया है इसलिए नोटिस दिया है।
देवनानी ने नहीं किया उल्लंघन-कलेक्टरः
जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर आरती डोगरा ने बताया कि रावण दहन के समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी भी मौजूद थे, लेकिन देवनानी ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने मंच पर किसी भी अतिथि को माला नहीं पहनाई।
मंत्री के जवाब पर विचारः
अतिरिक्त कलेक्टर अबू सूफियान ने बताया कि महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल को पूर्व में आचार संहित के उल्लंघन का जो नोटिस दिया गया था। उसका जवाब प्राप्त हो गया है। भदेल को डीएवी काॅलेज में आयोजित एक समरोह में सरकार की उपलब्धियों को गिनाने को लेकर नोटिस दिया गया था। भदेल ने अपने जवाब में कहा है कि समारोह युवाओं से जुड़ा हुआ था और उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहन देने वाली जानकारी दी थी। सूफियान ने बताया कि भदेल के इस जवाब पर विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा अधिकारी डाॅ. लाल थदानी और डाॅ. हरचंदानी को भी आचार संहित के उल्लंघन का नोटिस दिया गया है।
कलेक्टर की अपीलः
जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर आरती डोगरा ने राजनीति से जुड़े सभी नेताओं से एक बार फिर अपील की है कि वे आचार संहिता का पालन करें ताकि विधानसभा के चुनाव निष्पक्ष और पादर्शी तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि जो नेता सरकारी पदों पर बैठे हैं उन्हें तो आचार संहिता का गंभीरता के साथ पालन करना चाहिए। नेता ऐसा कोई काम न करें, जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जाता हो।
एस.पी.मित्तल) (20-10-18)
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