जयपुर की राय शुमारी में सीएम वसुंधरा राजे ने नहीं लिया भाग

जयपुर की राय शुमारी में सीएम वसुंधरा राजे ने नहीं लिया भाग। राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म।
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अभी यह कहना तो जल्दबाजी होगा कि राजस्थान भाजपा में इन दिनों जो कुछ भी चल रहा है उससे सीएम वसुंधरा राजे नाराज हैं, लेकिन यह सच है कि  20 अक्टूबर को जयपुर में अजमेर, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, भरतपुर, दौसा और टोंक जिले के उम्मीदवारों के लिए जो रायशुमारी हुई, उसमें सीएम राजे ने भाग नहीं लिया। 102 विधानसभा सीटों के लिए ऐसी ही राय शुमारी चार दिन पहले जब रणकपुर में हुई थी, तो सीएम मौजूद थीं। प्रादेशिक टीवी चैनलों के अनुसार सीएम ने 20 अक्टूबर को बालोतरा, जैसलमेर आदि के मंदिरों में पूजा अर्चना की तथा शाम को जोधपुर में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के भाई के निधन पर आयोजित शोक सभा में भाग लिया। पिछले तीन दिनों से सीएम राजे मंदिरों में ही पूजा अर्चना कर रही है। जानकारों की माने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह ने 7 दिसम्बर को होने वाले चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन पर एक सख्त गाइड लाइन बनाई है। इस गाइड लाइन में ही 163 भाजपा विधायकों में से करीब 100 विधायकों के टिकिट कट जाएंगे। उम्मीदवारों का चयन भी किसी एक व्यक्ति के हाथ में नहीं होगा। हर हाल में चुनाव जीतने के लिए भाजपा के 25 सांसदों में से कईयों को विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने भले ही वसुंधरा राजे को सीएम का चेहरा घोषित कर दिया हो, लेकिन उम्मीदवारों का चयन राष्ट्रीय नेतृत्व अपने मापदंडों पर करेगा। 20 अक्टूबर को भी जयपुर में 98 विधानसभा क्षेत्रों के लिए जो तीन दिवसीय राय शुमारी शुरू की, उसकी कमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर के पास रही। ये वो ही ओम माथुर है, जिन्हें वसुंधरा राजे की वजह से कभी गुजरात तो कभी उत्तर प्रदेश जाना पड़ा। माथुर भी लम्बे समय तक राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। उम्मीदवारों के चयन में माथुर का सीधा दखल राजस्थान भाजपा के कई बडे़ नेताओं को पसंद नहीं आएगा। जानकारों की माने तो 20 अक्टूबर को राय शुमारी के लिए ओम माथुर ने ही नेताओं के दल बनाए। हालांकि इसमें संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर की भी भूमिका रही। राय शुमारी के लिए दो बड़े नेताओं के कई दल बनाए गए। इस दल से संवाद के बाद ही संबंधित विधानसभा क्षेत्र के चयनित कार्यकर्ताओं ने एक पर्ची पर तीन दावेदारों के नाम प्र्रस्तावित किया। उम्मीदवारों के चयन में यह रायशुमारी भी महत्वपूर्ण है। ऐसी राय शुमारी में सीएम का  उपस्थित नहीं रहना अनेक चर्चाओं को जन्म देता है। यह भी तब जब वसुंधरा राजे के चेहरे पर ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जा रहा है।
एस.पी.मित्तल) (20-10-18)
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