जयपुर में हुई रायशुमारी से अजमेर के कई भाजपाई उत्साहित।

जयपुर में हुई रायशुमारी से अजमेर के कई भाजपाई उत्साहित। जिन विधायकों के टिकिट कटने की उम्मीद वो भी पहले नम्बर पर।
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20 अक्टूबर को अजमेर जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर जयपुर में भाजपा की ओर से रायशुमारी हुई। चूंकि अधिकांश पदाधिकारी विधायकों की सिफारिश से ही बने हैं, इसलिए जिले के वो विधायक भी रायशुमारी में पहले नम्बर पर रहे, जिनके टिकिट कटने की उम्मीद है। मसूदा को छोड़ कर शेष सात विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख भाजपाईयों से एक पर्ची में तीन दावेदारों के नाम लिखने को कहा गया था। इस रायशुमारी में अजमेर शहर की दोनों सीटों से डेढ़ सौ तथा देहात की 6 सीटों से 300 भाजपा कार्यकर्ताओं ने राय दी। हालांकि विधायकों का प्रयास था कि पहले नम्बर पर उनका नाम लिखने के बाद दूसरे और तीसरे नम्बर पर डमी नाम लिखे जाएं, लेकिन अपनी अक्ल का उपयोग करने वाले भाजपा नेताओं ने दूसरे और तीसरे नम्बर पर उन दावेदारों का नाम लिखा जो गंभीरता के साथ अपनी दावेदारी जता रहे हैं।
अजमेर उत्तरः
हालांकि अजमेर उत्तर में वर्तमान विधायक वासुदेव देवनानी का एक छत्र राज रहा। देवनानी की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अधिकांश पात्र नेताओं को बस में भर कर ले गए। अजमेर से जाते वक्त तो देवनानी बस में सवार होकर गए, लेकिन पर्ची की प्रक्रिया के बाद देवनानी जयपुर से बस से नहीं लौटे। एक दावेदार नीरज जैन जब वोटिंग के समय अंदर मौजूद थे तो देवनानी ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई। हालांकि अब अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा और कंवल प्रकाश उत्साहित है कि देवनानी के सामने उम्मीद से ज्यादा वोट मिल गए हैं।
केकड़ी में रौचक स्थितिः
भाजपा के जिलाध्यक्ष बीपी सारस्वत ने केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के कोई 60 भाजपाईयों को सूचित किया था, लेकिन रायशुमारी के लिए करीब 80 भाजपाई पहुंच गए। इसे भाजपा विधायक शत्रुघ्न गौतम का रुतबा ही कहा जाएगा कि गौतम के साथ गए भाजपाइयों को किसी ने भी नहीं रोका। हालांकि अन्य दावेदारों ने ऐतराज किया, लेकिन बड़े नेताओं ने विधायक के साथ आए भाजपाईयों की पर्ची भी बाॅक्स में डलवा दी। इसके बावजूद भी नगर पालिका के अध्यक्ष अनिल मित्तल, मिथलेश गौतम जैसे दावेदार उत्साहित हैं। उन्हें सम्मानजनक वोट मिल गए हैं।
नसीराबाद: 
अजमेर जिले में एक मात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां भाजपा का विधायक नहीं है। यही वजह है कि नसीराबाद में भाजपा की खिचड़ी जैसी स्थिति है। जाट और गुर्जर समाज के भाजपाई अपनी अपनी दावेदारी जता रहे हैं, लेकिन वहीं आश्चर्यजनक बात यह है कि दावेदारी नहीं जताने के बावजूद भी देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत रायशुमारी में अच्छे वोट ले गए हैं। नसीरबाद की वोटिंग के समय सारस्वत अंदर ही बैठे रहे, तो पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया ने आपत्ति जताई। इस बार सारस्वत का साफ कहना रहा कि वे नसीराबाद से टिकिट की मांग ही नहीं कर रहे हैं तो बाहर क्यों जाए? हालांकि सारस्वत के कथन पर पहाड़िया सहित अन्य दावेदारों को आश्चर्य हुआ, लेकिन फिर भी सरिता गैना, रामस्वरूप लाम्बा, ओम प्रकाश भडाना, गोपाल गुर्जर, योगेश सोनी, शक्ति सिंह रावत, दिलीप पचार आदि उत्साहित देखे गए। यहां यह उल्लेखनीय है कि उपचुनाव में श्रीमती सरिता गेना मात्र 384 मतों से पराजित हुई थी, ऐसे में नसीराबाद में भाजपा अपनी स्थिति को मजबूत मान रही हैं।
ब्यावर:
विधायक शंकर सिंह रावत की किलेबंदी के बाद भी पूर्व सांसद रासासिंह रावत के पुत्र तिलक रावत, पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा व महेन्द्र सिंह रावत उत्साहित है।
किशनगढ़:
एक माह पहले अजमेर भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित होने वाले चेतन च ौधरी किशनगढ़ से अपनी उम्मीदवारी को लेकर बेहद उत्साहित है। चेतन को उ म्मीद है कि विधायक भागीरथ   च ौधरी और प्रदेश कार्य समिति के सदस्य सुरेश टांक के बाद ही उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। वोटिंग से उत्साहित चेतन अब अपना झंडा अलग ही लेकर चल रहे हैं। एक केन्द्रीय मंत्री का चेतन को खासा समर्थन बताया जा रहा है। रायशुमारी में सुरेश टांक ने यह साबित कर दिया कि यदि जाट समुदाय को उम्मीदवारी नहीं मिलती है तो वे ही प्रबल दावेदार हैं। पूर्व सभापति गुणमाला  पाटनी और विकास च ौधरी को भी उम्मीद है कि कुछ वोट मिले होंगे।
मसूदा:
मसूदा की रायशुमारी में भाजपा के सबसे ताकतवर नेता संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर स्वयं मौजूद रहे। शेखर ने पात्र नेताओं से सुझाव भी मांगे। शेखर का कहना था कि उन्हें मसूदा के बारे में सब पता है।
पुष्कर:
रायशुमारी में वर्तमान विधायक सुरेश सिंह रावत को पीसांगन के प्रधान अशोक सिंह रावत, एडवोकेट राजेन्द्र सिंह रावत नेता ने चुनौती दी है, साथ ही भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री मुंसिफ अली खान ने भी टक्कर दी है। खान पिछले कई वर्षो से देहात की राजनीति में स़िक्रय है। गत लोकसभा के उपचुनावों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से मुस्लिम उम्मीदवार खड़े करवाने में खान का विशेष योगदान रहा। पुष्कर की रायशुमारी में कुछ वोट वरिष्ठ नेता भंवर सिंह पलाड़ा को भी मिले।
अजमेर दक्षिण:
जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने इस क्षेत्र से अपनी दावेदारी जताई है, लेकिन वंदना रायशुमारी में यहां अपना वोट भी नहीं दे सकीं। जिला प्रमुख का सरकारी निवास अजमेर उत्तर में होने के बाद भी वंदना को अपनी राय पुष्कर में देनी पड़ी। असल में जिला परिषद के जिस वार्ड की सदस्य हैं वो पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में आता है। वंदना दक्षिण में अपनी राय नहीं दे सके इसके लिए विधायकों के समर्थकों ने पूरी किलेबंदी की। पर्चियों में विधायक अनिता भदेल के पक्ष में एक तरफा राय रही।
एस.पी.मित्तल) (22-10-18)
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