केजरीवाल ने भी राजस्थान में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका दिया।

केजरीवाल ने भी राजस्थान में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका दिया। जयपुर की सभा में नहीं जुटी भीड़। अब 29 अक्टूबर को हनुमान बेनीवाल का शक्ति प्रदर्शन।
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28 अक्टूबर को जयपुर के रामलीला मैदान पर आम आदमी पार्टी की सभा भी फेल हो गई। सभा में भीड़ जुटने के लिए दिल्ली के सीएम और पाटी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इंतजार भी किया, लेकिन अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। राजस्थान में 7 दिसम्बर को विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में राजधानी जयपुर में राजनीतिक सरगर्मियां तेजी हैं। 27 अक्टूबर को राजपूत करणी सेना की लोकेन्द्र सिंह कालवी और महिपाल मकराना की ओर से जो सभा की गई वह भी भीड़ नहीं जुटने की वजह से विफल हो गई। अब तीसरी सभा 29 अक्टूबर को जयपुर में ही निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की ओर से होनी है। हालांकि बेनीवाल की सभाओं में भीड़ आती रही है। 28 अक्टूबर को भी जयपुर में बेनीवाल ने  युवकों के साथ रोड शो किया। माना जाता है कि जाट समुदाय का युवा वर्ग बेनीवाल के साथ है। अब बेनीवाल की सभा पर सभी की निगाह टिकी हुई है।
आप अपने दम पर-केजरीवालः
28 अक्टूबर को दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने साफ कर दिया कि राजस्थान में विधानसभा का चुनाव उनकी पार्टी अपने दम पर लड़ेगी। सभी 200 सीटों पर आप के उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। केजरीवाल की इस घोषणा से तीसरे मोर्चे की कोशिशों को झटका लगा है। माना जा रहा था कि वामपंथी दल केजरीवाल की पार्टी, भाजपा के असंतुष्ट घनश्याम तिवाड़ी, निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल आदि मिलकर चुनाव पूर्व तीसरे मोर्चे का गठन करेंगे। इसके लिए 28 अक्टूबर को जमीदारा पार्टी की विधायक कामिनी जिंदल ने केजरीवाल के समर्थन में अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन भी दिया, लेकिन केजरीवाल ने एक ही झटके में तीसरे मोर्चे की कोशिशों को नकारा दिया।
भाजपा को राहतः
प्रदेश में तीसरे मोर्चे को मजबूती नहीं मिलने से भाजपा को राहत है, क्योंकि तीसरे मोर्चे में यदि छोटे छोटे दल और अपने जिलों में प्रभाव रखने वाले नेता एकजुट होते तो भाजपा को नुकसान हो सकता था। भाजपा के लिए यह संतोष की बात है कि न राजपूतों की सभा में और न केजरीवाल की सभा में भीड़ जुटी। माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। हालांकि कांग्रेस ने बसपा से गठबंधन करने की घोषणा की थी, लेकिन बसपा की सुप्रीमो मायावती ने साफ इंकार कर दिया। इसका फायदा भी राजनीतिक दृष्टि से भाजपा को ही मिलेगा।
जाट का अनशन तुड़वायाः
केजरीवाल ने 28 अक्टूबर को किसान नेता और अब उनकी पार्टी में शामिल हुए रामपाल जाट का अनशन तुड़वाया। किसानों की मांगों को लेकर जाट पिछले पांच दिनों से अनशन पर थे। केजरीवाल अनशन स्थल पर पहुंचे और जूस पिलाकर जाट का अनशन तुड़वाया। इस अवसर पर केजरीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो फसल बीमा योजना बनाई है वह भाजपा बीमा योजना बन कर रह गई है। सरकार ने बड़ी बड़ी बीमा कंपनियों के साथ सांठ-गांठ की है, जबकि दिल्ली के किसानों को फसल के नुकसान होने पर बीमा राशि आसानी से मिल रही है। मेरी सरकार ने किसानों की अनेक समस्याओं का समाधान किया है।
एस.पी.मित्तल) (28-10-18)
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