बिना विदाई के ही शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से रुखसत हो गए बीएल च ौधरी।

बिना विदाई के ही शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से रुखसत हो गए बीएल च ौधरी।
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इसे असम्मान ही कहा जाएगा कि 29 अक्टूबर को बीएल च ौधरी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से बिना विदाई के ही रुखसत हो गए। च ौधरी ने चार वर्षों तक बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर कार्य किया। बोर्ड प्रति वर्ष कोई 22 लाख विद्यार्थियों की 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करता है। बोर्ड का अरबों रुपए का बजट है और राजस्थान का प्रत्येक परिवार बोर्ड से जुड़ा हुआ है। सरकार ने तीन वर्ष के लिए च ौधरी की नियुक्ति की थी, लेकिन बाद में एक वर्ष की वृद्धि कर दी। ऐसे में च ौधरी ने लगातार चार वर्षों तक अध्यक्ष के तौर पर कार्य किया। लेकिन माना जाता है कि च ौधरी बोर्ड मुख्यालय में लोकप्रिय नहीं रहे। उनका अधिकारियों और कर्मचारियों से मधुर व्यवहार भी नहीं रहा। यही वजह रही कि 29 अक्टूबर को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन कोई एक घंटे के लिए च ौधरी बोर्ड कार्यालय आए और फिर चुपचाप वापस चले गए। न तो अधिकारियों ने न कर्मचारियों के संगठनों ने च ौधरी के लिए विदाई समारोह आयोजित किया। कई अधिकारी तो 29 अक्टूबर को आकस्मिक अवकाश पर चले गए। बिना विदाई के इतना बड़ा पद छोड देने को लेकर प्रदेश के शिक्षा जगत में अनेक चर्चाएं हो रही हैं। यह माना कि अजमेर में भी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, लेकिन किसी अधिकारी के विदाई समारोह पर आचार संहिता लागू नहीं होती है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-18)
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