राजस्थान में भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में बगावत।

राजस्थान में भाजपा से ज्यादा कांग्रेस में बगावत।
अजमेर में पूर्व मंत्री ललित भाटी, भाई के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगे। मसूदा से कुमावत तैयार।
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7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 15 नवम्बर की आधी रात को 152 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। इस घोषणा के साथ ही कांग्रेस में बगावत का दौर शुरू हो गया। हालांकि 11 नवम्बर को जब भाजपा ने 131 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, तब भी विरोध सामने आया था। लेकिन भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में बगावत ज्यादा नजर आ रही है। 16 नवम्बर को जब दिल्ली में 15 जीआरजी के बाहर अशोक गहलोत, सचिन पायलट, अविनाश पांडे आदि नेता बकाया सूची पर मंथन कर रहे थे तब बाहर जोरदार प्रदर्शन हो रहा था। भोजन अवकाश के दौरान गहलोत जब बाहर आए तो नाराज कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी की। इस हंगामे को देखते हुए पायलट और पांडे को चुपचाप पीछे के दरवाजे से निकलना पड़ा।
अजमेर में खुली बगावतः
अजमेर दक्षिण क्षेत्र से बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित किया गया है, लेकिन 16 नवम्बर को उनके बडे भाई और पूर्व मंत्री ललित भाटी ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया। ललित भाटी ने घोषणा की कि वे 17 नवम्बर को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत भाटी की उम्मीदवारी को लेकर पहले ही  सचिन पायलट और अशोक गहलोत को चेता दिया था। लेकिन इसके बाद भी आलाकमान ने हेमंत को उम्मीदवार घोषित किया, इसलिए अब कांग्रेस को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में भी ललित भाटी ने एनसीपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और तब करीब 20 हजार मत प्राप्त किए थे। 2003 में भाटी ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन भाटी इसी क्षेत्र से वर्ष 1998 में विजयी रहे। इसी प्रकार केकड़ी सुरक्षित क्षेत्र से भाटी ने एक बार चुनाव जीता और एक बार हारा। यानि भाटी को चुनाव लड़ने का लम्बा और पुराना अनुभव है। ललित भाटी और हेमंत भाटी के बीच सम्पत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद भी चल रहा है। कई मामले अदालत में विचाराधीन है। ललित भाटी की उम्मीदवारी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी।
मसूदा में कुमावत तैयारः
अजमेर जिले की मसूदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पारीक को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन पारीक की उम्मीदवारी का विरोध जताते हुए पूर्व संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत ने  16 नवम्बर को नामांकन खरीद  लिया है। कुमावत के समर्थकों का कहना है कि 19 नवम्बर को पारीक के खिलाफ नामांकन भरा जाएगा। इसी प्रकार वाजिद चीता ने भी नामांकन खरीदा है। चीता के समर्थकों का दावा है कि मसूदा से बागी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे। चीता ने गत बार जेल में बंद रहते हुए चुनाव लड़ा था और तब बीस हजार से भी ज्यादा मत हासिल किए थे।
कोटा में भी बगावतः
राखी गौतम को उम्मीदवार बनाए जाने से कोटा शहर में भी 16 नवम्बर को खुलकर विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रमुख दावेदार शिवकांत नंदवाना और प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य पकंज मेहता के समर्थकों ने जगह-जगह टायर जलाए और विरोध जताया। नंदवाना का कहना रहा कि अब तीन विधानसभा क्षेत्रों से निर्दलीय उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे।
बीकानेर में भी बवालः
बीकानेर में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। पूर्व मंत्री बीडी कल्ला के समर्थकों ने तो ट्रेन तक रोक ली। 16 नवम्बर को बीकानेर में दिनभर इधर-उधर विरोध प्रदर्शन होता रहा। माना जा रहा है कि बीडी कल्ला भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कर सकते हैं।
राहुल गांधी के पैरामीटर्स ध्वस्त-खंडेलवालः
जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज जयपुर की पूर्व मेयर श्रीमती ज्योति खंडेलवाल ने जोरदार गुस्सा जताया है। श्रीमती खंडेलवाल  इस समय कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री और कार्यसमिति की सदस्य भी हैं। लेकिन 16 नवम्बर को उन्होंने दोनों ही पदों से इस्तीफा दे दिया। श्रीमती खंडेलवाल ने कहा कि उम्मीदवार चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो पैरामीटर्स निर्धारित किए थे, उस पर मैं खरी उतरती हंू। मैंने शक्ति केन्द्र पर खूब काम किया और युवा  एवं महिला भी हंूं। राहुल गांधी ने कई बार कहा कि वे युवा और महिलाओं को आगे लाएंगे। लेकिन मुझे उम्मीदवार नहीं बनाकर कांगे्रस ने राहुल गांधी के पैरामीटर्स को ध्वस्त कर दिया है।
एस.पी.मित्तल) (16-11-18)
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