मसूदा में कय्यूम देंगे कांग्रेस को चुनौती तो किशनगढ़ में सुरेश टांक जीत के लिए नामांकन भरेंगे।

मसूदा में कय्यूम देंगे कांग्रेस को चुनौती तो किशनगढ़ में सुरेश टांक जीत के लिए नामांकन भरेंगे। भाजपा की मुसीबत बढ़ी। सिनोदिया की भी बागी रुख। 
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18 नवम्बर को कांग्रेस ने अपनी तीसरी और अंतिम सूची में अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से नंदाराम धाकण को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा पहले ही विकास च ौधरी को घोषित कर चुकी है। दो जाट उम्मीदवारों के बीच जीत की उम्मीद लगाने वाले किशनगढ़ नगर परिषद के पूर्व सभापति और मार्बल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक 19 नवम्बर को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे। टांक भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य हैं और उन्होंने भाजपा में दावेदारी जताई थी, लेकिन अब टांक स्वयं को भाजपा का बागी उम्मीदवार मानने को तैयार नहीं है। टांक का कहना है कि वह किशनगढ़ के मतदाताओं के उम्मीदवार हैं। इस बार चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं बल्कि किशनगढ़ के मतदाताओं की भावनाओं को लेकर है। किशनगढ़ के चहंुमुखी विकास के लिए ही वह नामांकन दाखिल कर रहे हैं। 19 नवम्बर को वह अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करेंगे। अपनी इस भावना से भाजपा के बड़े नेताओं को अवगत करा दिया है। टांक की उम्मीदवारी से भाजपा को और झटका लगेगा। विकास च ौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा के अनेेक नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। इनमें किशगढ़ के मंडल अध्यक्ष भी शामिल थे। वहीं यह माना जा रहा है कि टिकिट वितरण की प्रक्रिया के दौरान पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया ने जो बयान दिया, उसकी वजह से टिकिट कट गया। सिनोदिया ने कहा था कि मैं विधायक बनने के बाद भी अशोक गहलोत को अपना नेता मानंूंगा। सिनोदिया को टिकिट दिलवाने के लिए गहलोत ने आखिरी समय तक कोर कमेटी में जद्दोजहद की। इस जद्दोजहद में किशनगढ़ से जाट उम्मीदवार  तो बनाया, लेकिन सिनोदिया को नहीं। जानकारों की माने तो प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने नंदाराम धाकण को पुष्कर से उम्मीदवार बनाना तय किया था। किशनगढ़ से राजेन्द्र गुप्ता पसंदीदा उम्मीदवार थे, लेकिन समझज्ञैते के अंतर्गत धाकण को किशनगढ़ से उम्मीदवार बना दिया गया। सुरेश टांक की उम्मीदवारी की वजह से किशनगढ़ का चुनाव रोचक हो गया है।
सिनोदिया का बागी रुखः
किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया का टिकिट काटे जाने से उनके समर्थकों में भारी नाराजगी है। धाकण की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता सिनोदिया के निवास पर जमा हो गए। यहां समर्थकों ने कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थकों के उत्साह को देखते हुए सिनोदिया ने भी बागी रुख अपना लिया है। कहा जा रहा है कि सिनोदिया 19 नवम्बर को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे। सिनोदिया के समर्थक हनुमान बेनीवाल के भी सम्पर्क में हैं। सिनोदिया बेनीवाल की पार्टी के उम्मीदवार भी हो सकते हैं।
मसूदा में कय्यूम की चुनौतीः
अजमेर जिले के मसूदा विधानसभा क्षेत्र से कांगे्रस के पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान ने बागी रुख अपना लिया है। कय्यूम 19 नवम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे। लेकिन कांग्रेस के लिए यह राहत की बात है कि चीता समाज के प्रमुख नेता वाजिद चीता ने कांग्रेस के उम्मीदवार राकेश पारीक को समर्थन देने की घोषणा की है। मसूदा से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर वर्तमान विधायक श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा मैदान में हैं। हालांकि पारीक ने केकड़ी से दावेदारी जताई थी, लेकिन उन्हें मसूदा से उम्मीदवार बनाया गया। पारीक कांग्रेस सेवाादल के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
एस.पी.मित्तल) (18-11-18)
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