नेताओं को कोसने वाले कम से कम वोट डालने तो जाएं। 

नेताओं को कोसने वाले कम से कम वोट डालने तो जाएं। 
क्यों चलाया जाए मतदान जागरुकता का अभियान?
नागौर-नांवा के एसडीएम गुर्जर ने बनाया लोकगीत।
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अजमेर की जिला कलेक्टर आरती डोगरा भरसक प्रयास कर रही है कि 7 दिसम्बर को अधिक से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें। नागौर जिले के नांवा उपखंड के एसडीएम ने रामसुख गुर्जर ने तो अपनी आवाज में एक लोकगीत तैयार किया है जो मतदान करने की प्रेरणा देता है। ऐसे उपाय प्रदेश भर में हो रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि निर्वाचन विभाग को मतदान जागरुकता का अभियान चलाने की जरुरत क्यों पड़ रही है? एक ओर भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है तो दूसरी और मतदाता को मतदान के लिए अभी भी जगाया जा रहा है। यह विरोधाभाषी बात है। आमतौर पर देखा गया है कि कोई समस्या खड़ी होने पर मतदाता सबसे पहले नेताओं को कोसता है। कहा जाता है कि पार्षद से लेकर सांसद तक सुनते नहीं है। यह बात सही है कि अधिकांश जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव में शक्ल दिखाते हैं, जीतने के बाद मतदाता ऐसे जनप्रतिनिधियों को ढूंढते रहते हैं। असल में ऐसे निकम्मे नेताओं को चुनाव में ही सबक सिखाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें। जो लोग छोटी छोटी बात पर नेताओं को कोसते हैं उन्हें तो सबसे पहले वोट डालना चाहिए। सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार से सब दुःखी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सुनने वाला कोई नहीं है। 7 दिसम्बर को सही मौका है। जब भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाया जा सकता है। अजमेर जिले में सर्दी के मौसम में भी 48 और 72 घंटे में मात्र 45 मिनट की पेयजल की सप्लाई हो रही है। शहर में टाटा पावर कंपनी आने के बाद बिजली के बिल में 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक वृद्धि हो गई है। पानी के बिल के साथ 30 रुपए सीवरेज चार्ज वसूला जा रहा है, जबकि अजमेर में अभी सीवरेज सिस्टम शुरू भी नहीं हुआ है। ऐसी समस्याएं प्रदेशभर में हैं। इन समस्याओं का जवाब अपने वोट का इस्तेमाल कर दिया जा सकता है। जो लोग वोट नहीं डालते हैं उन्हें सरकार और प्रशासन की आलोचना करने का अधिकार भी नहीं है। एक वोट से क्या होता है, यह सवाल कुतर्क जैसा है। एक और एक मिलकर ही ग्यारह बनते हैं। राजनीतिक दलों के वाहनों का इंतजार किए बगैर ही मतदाताओं को अपने मतदान केन्द्र पर जाकर वोट डालना चाहिए। जिस मतदाता का नाम सूची में न हो, वह स्वयं को लापरवाह या बेवकूफ ही माने क्योंकि निर्वाचन विभाग की ओर से बार बार कहा गया कि प्रकाशित मतदाता सूची में अपना नाम चैक कर ले। अधिकांश मतदाता अपना नाम चैक नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि गत लोकसभा चुनाव में वोट दिया था तो विधानसभा चुनाव की सूची में भी नाम होगा ही। मतदाता सूची तैयार करने वाले भी इसी समाज से हंै जो गलतियां करते ही है। वैसे तो हर चुनाव की एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए। अब तो सूची को आॅन लाइन देखा जा सकता है।
वीडियो बना आकर्षण का केन्द्रः
राजस्थान के नागौर जिले के नांवा विधानसभा क्षेत्र के एसडीएम और निर्वाचन अधिकार रामसुख गुर्जर ने मतदान जागरुकता के लिए लोकगीत का एक वीडियो तैयार किया है। यह वीडियो अब प्रदेशभर में लोकप्रिय हो रहा है। अजमेर के संभागीय आयुक्त लक्ष्मीनारायण मीणा और रेंज के आईजी बीजू जाॅर्ज जोसेफ ने एसडीएम गुर्जर की मेहनत और लगन की प्रशंसा की है। दोनों ने कहा कि गुर्जर ने नांवा नगर पालिका में आदर्श मतदान केन्द्र बना कर प्रेरणादायक कार्य किया है। मोबाइल नम्बर 9414354751 पर एसडीएम गुर्जर को बधाई दी जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (05-12-18)
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