गधे के तिलक लगा देने से वह ज्योतिषी नहीं हो जाता।

गधे के तिलक लगा देने से वह ज्योतिषी नहीं हो जाता।
सम्मेलन में ज्योतिष विधा पर खरी खरी।
बाबा रामदेव पर भी हमला।
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16 मार्च को अजमेर के वैशाली नगर स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम के सभागार में राजस्थान और देशभर के ज्योतिषियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू हुआ। ज्योतिषियों के इस महाकुंभ के शुभारंभ सत्र में मुझे भी अतिथि के तौर पर भाग लेने का अवसर मिला। ज्योतिष और ज्योतिषियों को लेकर मेरे मन में जो शंकाएं थी, उन्हें खुद ज्योतिषियों के प्रतिनिधियों ने उजागर किया। इस सत्र में मेरा यह कहना रहा कि जब ज्योतिष शास्त्र एक है तो फिर ज्योतिषियों की राय अलग अलग क्यों होती है? जन्म पर जो जन्मपत्री बनाई जाती है वह कोरी होती है। व्यक्ति जैसे जैसे बड़ा होता है वैसे वैसे उसके कर्म जन्मपत्री में अपने आप लिख जाते हैं। लेकिन परेशान होने पर वही व्यक्ति कोरी जन्मपत्री  ज्योतिषाचार्य को दिखा कर अपने भूत और भविष्य के बारे में जानना चाहता है। क्या ऐसे में ज्योतिषशास्त्र कोई मदद कर सकता है ऐसे सभी सवालों के जवाब हिमाचल प्रदेश के शारदा ज्योतिष निकेतन के प्रमुख पंडित लेखराज शर्मा, अखिल भारतीय सर्वब्राह्ममण महासभा के महासचिव शुभेश शर्मन, उदयपुर के मशहूर ज्योतिषाचार्य निरंजन भट्ट, अजमेर स्थित एस्ट्रालाॅजी हाउस के प्रमुख केके शर्मा, प्रेम प्रकाश आश्रम के महंत स्वामी सर्वानंद महाराज आदि ने दिए। ज्योतिषाचार्य लेखराज शर्मा ने कहा कि गधे के सर पर तिलक लगा   देने से वह ज्योतिषाचार्य अथवा विद्वान नहीं हो जाता। ज्योतिषाचार्य बनने के लिए विस्तृत अध्ययन करना पड़ता है। आयुर्वेद और ज्योतिष आपस में पर्यायवाची है, लेकिन बाबा रामदेव जैसे कारोबारियों ने आयुर्वेद को बदनाम कर रखा है। ज्योतिष विद्वान की ताकत को सतयुग से माना गया है। तीन बार घर पहुंचने पर भी जब भृगू ऋषि की मुलाकात भगवान विष्णु से नहीं हुई तो उन्होंने सोते हुए विष्णु के सीने पर पैर रख दिया। इससे नाराज लक्ष्मी ने श्राप दिया कि मैं हमेशा आपसे दूर रहूंगी। इस श्राप के जवाब में भृगू ऋषि ने भृगूसंहिता शास्त्र लिखा जिसकी वजह से आज ज्योतिषाचार्यों के पास लक्ष्मी स्वयं चलकर आती है। ज्योतिषशास्त्र में वो ताकत है जो भूत और भविष्य दोनों बता सकता है। लेकिन हमारे की कुछ लोगों ने इसे बदनाम कर रखा है। ज्योतिष कोई पाखंड नहीं बल्कि एक मार्ग दर्शक है। सरकार को चाहिए कि स्कूल काॅलेज और विश्वविद्यालयों में ज्योतिष शास्त्र के कोर्स शुरू किए जाए और विशेष मंत्रालय बनाकर ज्योतिष विधा को अगे बढ़ाया जावे। व्यक्ति का भविष्य हाथ की रेखाओं के साथ-साथ पैर की रेखाओं से भी जाना जा सकता है।
सर्वब्राह्मण महासभा के महासचिव और ज्योतिष शुभेश सर्मन ने कहा कि ज्योतिष ऐसा विज्ञान है जिसके माध्यम से संसार में समरसता दी जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र में सभी समस्याओं का समाधान निहित है। पर्यावरण से लेकर समाज सुधार तक का काम ज्योतिषशास्त्र से किया जा सकता है। ज्योतिष के जरिए ही प्रकृति का संरक्षण भी होता है। हमारे यहां गाय से लेकर कुत्ते, कोवा तक के लिए रोटी निकाली जाती है। यह बात अलग है कि अब जर्सी गाय और शेफर्ड कुत्ते के जमाना आ गया है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि पिछले दिनों जब पुलवामा हमला हुआ तो अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह से सबसे पहले आतंकवाद की निंदा की गई। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जो ज्योतिष शास्त्र को बदनाम कर रहे हैं। उदयपुर के मशहूर ज्योतिषाचार्य निरंजन भट्ट ने कहा कि ज्योतिष में 14 तिथि और पूर्णिमा व अमावस को मिला कर 16 तिथियां निर्धारित की गई है। हथेली के माध्य में राहू और पास वाली रेखा केतू की मानी जाती है। ज्योतिषशास्त्र ऐसी विधा है जो अंधकार को नष्ट कर सकती है। अब तो विज्ञान भी ज्योतिषशास्त्र को महत्व देने लगा है।
एस्ट्रोलाॅजी हाउस के प्रमुख और देश के विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित केके शर्मा ने कहा कि उपभोक्तावादी संस्कृति में अब वो घटनाएं हो रही है जिनकी कल्पना ज्योतिष शास्त्र में कभी नहीं की गई। टीवी सीरियल बनाने वाली मशहूर निर्देश एकता कपूर ने भी एक बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन इस बच्चे के पिता का नाम किसी को नहीं पता, जबकि ज्योतिष शास्त्र में भविष्य को जानने के लिए पिता का नाम बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब  ज्योतिषशास्त्र के सामने अनेक चुनौतियां है, लेकिन हमें उन कृत्यों को प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए जो सनातन और वैदिक संस्कृति के खिलाफ हैं। सम्मेलन में स्वामी ब्राह्मानंद ने कहा कि ग्रहों का डर दिखाया जाता है जबकि उनका मानना है कि कोई भी ग्रह खराब नहीं होता। कुछ लोग कालसर्प के नाम पर लोगों को डराते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। सम्मेलन में पुष्कर के ज्योतिषाचार्य पंडित कैलाश नाथ दाधीच, नरेश भाटिया, मकराना के विमल पारीक, आदि ने भी विचार रखे। सम्मेलन में ज्योतिष के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सर्व श्री राकेश सोनी, लेखराज शर्मा, डाॅ. पूजा शर्मा, पर्वती कुमारी, डाॅ सुधांशु खींची, पंडित कैलाशनाथ दाधीच, महंत जोगेन्द्र नाथ, स्वेता गुलाटी, पीके गुप्ता, जीडी दयाल आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन खींवराज शर्मा ने किया।
विधायक रावत की बनाई लाइव जन्मपत्रीः
सम्मेलन में ज्योतिषाचार्य लेखराज शर्मा ने पुष्कर के विधायक सुरेश रावत की लाइव जन्मपत्री बनाई। रावत जब मंच से भाषण दे रहे थे, बिना हस्तरेखा देखे शर्मा ने जन्मपत्री तैयार कर दी। शर्मा ने रावत के जन्म की जो तारीख बताई वह सही निकली। इसी प्रकार उनकी पत्नी और माता नाम का पहला अक्षर भी सही बताया। शर्मा ने सम्मेलन में मौजूद देश प्रदेश से आए ज्योतिषियों से जन्मपत्री की पड़ताल करने का कहा तो सभी ने जन्मपत्री को सही माना। विधायक रावत ने भी इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि बिना जन्म तिथि और बिना हस्तरेखा देखे उनके बारे में सही सही जानकारी दी गई है। इस अवसर पर रावत ने कहा कि राजस्थान में ज्योतिष शास्त्र को संरक्षण देने के लिए वे विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे। उन्होंने सम्मेलन के आयोजकों से कहा कि वे जो प्रस्ताव पास करें उसकी प्रति उन्हें उपलब्ध करवाई जाए, ताकि वे विधानसभा में ज्योतिषाचार्यो की समस्याओं को प्रभावी ढंग से रख सके।
एस.पी.मित्तल) (16-03-19)
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