आगजनी से प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा दे टाटा पावर कंपनी।

आगजनी से प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा दे टाटा पावर कंपनी।
अजमेर डिस्काॅम ने जांच शुरू की।
कंपनी कर रही है लीपापोती।
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अजमेर शहर की बिजली वितरण व्यवस्था संभालने वाली टाटा पावर कंपनी के सभी दावे 23 मार्च की शाम को उस समय धरे रह गए, जब शहर के सबसे भीड़ वाले मदार गेट बाजार में रखे ट्रांसफार्मर में भीषण आग लग गई। आग इतनी विकराल हुई कि कस्तुरबा अस्पताल के चबूतरे पर बैठे फूल माला विक्रेताओं का सारा सामान जल कर राख हो गया। जूते और कपड़े की दुकानों में भी लाखों का नुकसान हुआ। आग लगने के समय बाजार में दहशत हो गई। आग की घटना की गंभीरता को देखते हुए अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक वीएस भाटी ने अधीक्षण अभियन्ता मुकेश ठाकुर के नेतृत्व में जांच बैठा दी है। ठाकुर ने टाटा पावर कंपनी से रिपोर्ट तलब की है। आगजनी से प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि ट्रांसफार्मर से आॅयल टपकने की शिकायत कई बार टाटा पावर से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वैसे भी ट्रांसफार्मर में आग लगने की जिम्मेदारी टाटा पावर की ही है। टाटा पावर निजी क्षेत्र की कंपनी है, इसलिए प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा देना चाहिए। कंपनी के पास सामाजिक सरोकारों के कार्यों में खर्च करने का फंड अलग से होता है। कंपनी को उसी फंड में से मुआवजा देना चाहिए। सवाल यह भी है कि गर्मी शुरू होने के साथ ही ट्रांसफार्मर जलने पर फटने लगे हैं तो फिर गर्मी के दिनों में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यदि ट्रांसफार्मरों का रख रखाव सही तरीके से नहीं होगा तो गर्मी के दिनों में आए दिन ट्रांसफार्मरों में अगजनीी होगी। टाटा पावर कंपनी आगजनी की घटना के बाद से ही मामले में लीपापोती कर रही है। कंपनी ने साफ कर दिया है कि मदारगेट के ट्रांसफार्मर से आॅयल टपकने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। आग भी पहले फूल मालाओं वालों के त्रिपाल में लगी है। वहीं डिस्काॅम के एमडी भाटी ने अगजनी की घटना को गंभीर माना है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में टाटा पावर की लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
हो सकती थी जनहानिः
यह तो ईश्वर की कृपा रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। जिन लोगों ने अजमेर का मदारगेट देखा है उन्हें पता है कि कस्तूरबा अस्पताल के बाहर कितने फूलमाला विक्रेता अपना टोकरा लेकर बैठते है। यहां हमेशा भीड़ लगी रहती है। यदि माली समुदाय के फूल विक्रेता टोकरे में रखे रुपयों को निकालने का लालच दिखाते तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
एस.पी.मित्तल) (24-03-19)
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