जिस कांगे्रस ने अजमेर में 14 माह पहले लोकसभा का उपचुनाव जीता, उस कांग्रेस में अब उम्मीदवार के चयन पर इतनी घबराहट क्यों?

जिस कांगे्रस ने अजमेर में 14 माह पहले लोकसभा का उपचुनाव जीता, उस कांग्रेस में अब उम्मीदवार के चयन पर इतनी घबराहट क्यों? क्या पायलट और रघु की चमक कम हो गई?
कांगे्रस प्रवक्ता का इस्तीफा।
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28 मार्च को राजस्थान में 25 में से कांग्रेस 19 उम्मीदवारों की घोषणा हो गई। जिन 6 संसदीय क्षेत्रों में घोषणा नहीं हुई, उनमें अजमेर भी शामिल हैं। यह वहीं अजमेर है जिसके बूते पर विधानसभा चुनाव में कांगे्रस ने अपने पक्ष में हवा बनाई। जनवरी 2018 यानि 14 माह पहले अजमेर के लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रघु शर्मा ने जीत दर्ज की थी। रघु को सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली। तब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे अपनी उपलब्धि बताया। दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में अजमेर की जीत की दुहाई देकर ही कहा गया कि कांगे्रस के पक्ष में माहौल है। उपचुनाव के समय तो प्रदेश में कांगे्रस की सरकार भी नहीं थी, लेकिन अब तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी है। फिर भी उम्मीदवार की घोषणा में विलम्ब हो रहा है। अजमेर में 29 अप्रैल को मतदान होना है तथा दो अप्रैल से नामांकन शुरू हो जाएंगे। नामांकन से चार दिन पहले तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं होने से प्रतीत होता है कि अजमेर को लेकर कांग्रेस में घबराहट है। यह घबराहट तब है जब अजमेर को प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का संसदीय क्षेत्र माना जाता है। पायलट ने यहां से वर्ष 2009 में लोकसभा का चुनाव जीता था। यह बात अलग है कि 2014 में पायलट को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस हार का बदला पायलट ने उपचुनाव में जीत हासिल कर लिया। कांगे्रस उम्मीदवार रघु शर्मा को जीत दिलवाने में पायलट ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब वो ही पायलट और रघु की जोड़ी आम चुनाव में घबराई हुई है। घबराहट भी इतनी है कि दोनों चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार 28 मार्च को भी दिल्ली में अजमेर को लेकर मंथन हुआ। जब उद्योगपत रिजु झुनझुनवाला का टिकिट कटने की कगार पर पहुंचा तो सीएम अशोक गहलोत ने पायलट को अजमेर से जिताऊ उम्मीदवार बता दिया। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी भी चाहते हैं कि पायलट अजमेर से चुनाव लड़ें। यदि पायलट अपनी सहमति दे देते तो 28 मार्च को 19 उम्मीदवारों के साथ ही अजमेर की भी घोषणा हो जाती। मजे की बात यह है कि पायलट और रघु शर्मा उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को जीताने का दावा तो करते हैं, लेकिन खुद चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाते। जब रिजु को जीता सकते हैं तो फिर खुद भी जीत सकते हैं।
जाट उम्मीदवार पर भी विचारः
भाजपा ने पूर्व विधायक भागीरथ च ौधरी को घोषित किया है। भाजपा के जाट उम्मीदवार को देखते हुए कांगे्रस में भी जाट उम्मीदवार पर विचार हो रहा है। इसके पीछे जाट मतों में विभाजन करवाना है। आला कमान के पास जाट उम्मीदवार के तौर पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र च ौधरी का नाम है। 28 मार्च के मंथन में च ौधरी के नाम पर भी विचार हुआ। जाट मतदाताओं की संख्या को देखते हुए भाजपा ने लगातार तीसरी बार जाट उम्मीदवार पर दांव लगाया है।
प्रवक्ता का इस्तीफाः
लोकसभा चुनाव के मौके पर शहर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है। भारती ने शहर अध्यक्ष विजय जैन को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि वे स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ रहे हैं। वहीं जैन ने अभी तक इस्तीफा नहीं मिलने की बात कही है।
एस.पी.मित्तल) (29-03-19)
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