अजमेर के कारोबार जगत में हड़कंप।

अजमेर के कारोबार जगत में हड़कंप। गंज में पंजाब मार्केटिंग की दुकानें बंद।
एक शराब कारोबारी भी लापता। नया बाजार की फर्म की पहले ही है चर्चा।
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अजमेर के व्यापार जगत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। एक के बाद एक कई कारोबारी अजमेर से लापता है। जो कारोबारी अजमेर में मौजूद हैं उनकी दुकानें बंद पड़ी हैं तथा वे चैक का भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं। जो राशि बगैर चैक अथवा बगैर चिट्ठी पत्री के दी गई है उसको लेकर तो कई लोगों की हृदय गति रुक जाने की उम्मीद है। गंज के जनकपुरी परिसर में पंजाब मार्केटिंग के नाम से चार दुकानों पर करोड़ों रुपए का कारोबार हो रहा था। बेकरी और अन्य वस्तुओं की थोक में बिक्री होती थी। अजमेर शहर ही नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे व्यापारी यहां से माल खरीदते थे। सिक्ख समुदाय से जुड़े इस परिवार की शहर में जबरदस्त गुडविल थी, यही वजह रही कि लोगों ने करोड़ों रुपए की राशि भी दी। लेकिन पिछले एक पखवाड़े से मार्केटिंग की चारों दुकानें बंद पड़ी है। अभी यह पता नहीं चला है कि दुकानों पर दोबारा से कारोबार होगा या नहीं। इस बीच छोटे दुकानदार और अन्य लोग मंुह लटकाए हुए दुकानों के बाहर दिन भर खड़े रहते हैं। जो लोग दुकानों का संचालन करते थे वो भी अब नहीं मिल रहा है। हालांकि परिवार के सदस्यों का कहना है कि लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है और जल्द ही कारोबार फिर से शुरू होगा, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से जिस तरह दुकानों के ताले नहीं खुले हैं उससे अनेक आशंकाएं व्यक्त की जा रही है। शहर के एक शराब कारोबारी भी पिछले कई दिनों से लापता है। यह कारोबारी भी निर्धारित समय पर भुगतान नहीं कर सका है। बताया जा रहा है कि अपने मकान को भी चार अलग-अलग व्यक्ति को बेच गया है। कहा जा रहा है कि शराब कारोबारी भारत छोड़ कर चला गया है। इस कारोबारी की दुकान प्लाजा सिनेमा के निकट बताई जा रही है।
नया बाजार की सवा सौ वर्ष पुरानी एक फर्म के भी बंद हो जाने से व्यापार जगत में खलबली है। हालांकि इस फर्म के सदस्य अजमेर में ही मौजूद है, लेकिन लोगों को बकाया भुगतान नहीं कर रहे हैं। जिन लोगों के पास फर्म के चैक हैं उन्होंने अदालत में मुकदमा दायर कर दिया है। इस फर्म से जुड़ा एक सदस्य अजमेर क्लब का पदाधिकारी भी है। जिसे अक्सर क्लब में देखा जाता है। सूत्रों के अनुसार इस फर्म में भाजपा का एक नेता भी भागीदार रहा है। लेकिन नेता के गुण होने के कारण फंसी हुई रकम निकाल ली गई। प्रतिष्ठि माने जाने वाली फर्म का कारोबार दिल्ली के एनसीआर और पूर्वोत्तर राज्यों में रहा है। बताया जा रहा है कि पूर्वोत्तर राज्यों में नक्सली गतिविधियों की वजह से काफी नुकसान हुआ। पूर्व में भी कई कारोबारी अजमेर छोड़ कर भाग गए, जिसकी वजह से करीब पांच सौ करोड़ रुपया डूब गया। वर्तमान परिस्थितियों में भी करोड़ों रुपए के डूबने की आशंका जताई जा रही है।
एस.पी.मित्तल) (06-04-19)
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