मैं मुख्यमंत्री होते हुए भी हवाई जहाज में इकोनॉमिक क्लास में सफर करता हंूं, पर वसुंधरा राजे आज भी फस्र्ट क्लास में-अशोक गहलोत।

मैं मुख्यमंत्री होते हुए भी हवाई जहाज में इकोनॉमिक क्लास में सफर करता हंूं, पर वसुंधरा राजे आज भी फस्र्ट क्लास में-अशोक गहलोत। लोकसभा की जीत मोदी और शाह के कदमों में-वसुंधरा।

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर राजनीतिक टिप्पणी करने से कभी नहीं चूकते। 22 मई को दिल्ली से जयपुर तक का सफर एयर इंडिया की एक ही फ्लाइट में करने पर गहलोत ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि जहाज में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी सवार हैं। गहलोत ने कहा कि मैं इकोनॉमिक क्लास में बैठा था और वसुंधरा जी फस्र्ट बिजनस क्लास में थी। नियमों के मुताबिक फस्र्ट क्लास वाले यात्रियों को पहले उतारा जाता है। चूंकि मैं इकोनॉमिक क्लास में था, इसलिए जयपुर हवाई अड्डे पर मुझे जहाज से बाद में उतारा गया। मुझे तो जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर पता चला कि वसुंधराजी भी मेरे साथ सवार थीं। चेहरे पर मुस्कान लाते हुए गहलोत ने कहा कि यदि हवाई अड्डे पर वसुंधरा जी मिल जाती तो मैं जरूर नमस्कार करता। गहलोत ने कहा कि वसुंधराजी विदेश यात्रा से लौटीं है इसलिए भाजपा के कार्यकर्ता हवाई अड्डे पर स्वागत करने पहुंचे हैं। वसुंधरा राजे जब सीएम थीं तब भी गहलोत उनके रहन-सहन को लेकर टिप्पणी करते थे। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर वसुंधरा राजे जन सेवक की तरह नहीं, बल्कि महारानी की तरह काम करती हैं। 22 मई को भी गहलोत ने यही दर्शाया कि मैं मुख्यमंत्री होने के बाद भी इकोनॉमिक क्लास में सफर करता हंू, जबकि वसुंधरा राजे महारानी के स्टाइल में फस्र्ट क्लास में। गहलोत ने प्रदेश की जनता को यह भी बता दिया कि वसुंधरा राजे विदेश में विश्राम कर जयपुर लौटी हैं।
जीत मोदी और शाह के कदमों में:
विदेश यात्रा से लौटी पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने जयपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा कि लोकसभा चुनाव की जीत हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के कदमों में समर्पित कर रहे हैं। मोदी और शाह ने जो मेहनत की उसी का परिणाम है कि राजस्थान में भी भाजपा को बड़ी सफलता मिलने जा रही है।
खास भूमिका नहीं:
लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार वसुंधरा राजे की खास भूमिका नहीं रही। राजे ने ज्यादातर समय अपने पुत्र दुष्यंत सिंह के संसदीय क्षेत्र झालावाड़ में बिताया। इस बार वसुंधरा राजे भाजपा की स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल नहीं थी। चुनाव की रणनीति भी केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बनाई। वसुंधरा के घोर विरोधी रहे आरएलपी के हनुमान बेनीवाल को नागौर से उम्मीदवार भी बनाया गया। उम्मीदवारों के चयन में भी राजे की सिफारिशों को नहीं माना गया। यही वजह है कि अब वसुंधरा राजे के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। जो वसुंधरा राजे सभी को अपने कदमों में रखने में रुचि रखती थीं। उन्हें अब लोकसभा की जीत नरेन्द्र मोदी और अमितशाह के कदमों में रखनी पड़ रही है। राजनीति में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। पर इतना जरूर है कि भाजपा आला कमान पर अब वसुंधरा राजे का कोई दबाव नहीं है। वसुंधरा राजे का राजनीतिक भविष्य पूरी तरह मोदी शाह रहमो करम पर है।
एस.पी.मित्तल) (22-05-19)
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