राजस्थान में लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत पर भी अशोक गहलोत को खतरा नहीं।

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत पर भी अशोक गहलोत को खतरा नहीं। भाजपा का कथित प्रस्ताव तो सचिन पायलट ने पहले भी ठुकरा दिया था। परिणाम से पहले जगदीश चन्द्रा की सटीक टिप्पणी।

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फस्र्ट इंडिया न्यूज चैनल के हैड जगदीश चन्द्रा ने 22 मई को राजस्थान की राजनीति के संदर्भ में अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया है। राजनीतिक घटनाओं का सटीक आंकलन करने वाले जगदीश चन्द्रा का यह विश्लेषण चैनल पर 22 मई को दोपहर तब प्रसारित हुआ, जब 23 मई को प्रात:8 बजे से लोकसभा चुनाव में मतों की गणना होनी है। फस्र्ट इंडिया न्यूज चैनल के दस से भी ज्यदा तेजतर्रार एंकरों के सवालों का जवाब देते हुए जगदीश चन्द्रा ने कहा कि राजस्थान में भाजपा को भले ही बड़ी सफलता मिल जाए लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोई खतरना नहीं है। जहां तक डिप्टी सीएम सचिन पायलट का सवाल है तो पायलट हमेशा कांग्रेस के प्रति वफादार रहेंगे। कुछ लोगों का मानना है कि पायलट को सीएम पद का लालच देकर भाजपा अशोक गहलोत की सरकार को गिरा सकती है। चन्द्रा ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी में ऐसा प्रस्ताव विधानसभा चुनाव के बाद पायलट को तब भी दिया था जब कांगे्रस आला कमान ने गहलोत को सीएम बनाने का फैसला किया। चन्द्रा ने कहा कि पायलट को सीएम नहीं बनाने से उनके समर्थक और जाति विशेष के लोग मायूस तो हुए, लेकिन पायलट ने कभी भी ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे कांग्रेस कमजोर हो। लोकसभा चुनाव में भी पायलट ने गहलोत के साथ मतभेद की खबरों को नकारा और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे के साथ मिल कर तीनों ने प्रचार किया। चन्द्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा चाहे कितनी भी सीट जीत ले, लेकिन गहलोत सरकार के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी। परिणाम के बाद कांग्रेस की राजनीति में बदलाव की संभावना नजर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि गहलोत हमेशा गांधी परिवार के प्रति वफादार रहे हैं और राजनीति में भी गहलोत की छवि साफ-सुथरी है। यही वजह है कि कई मौकों पर गहलोत कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय राजनीति में भी सक्रिय हो जाते हैं। जहां तक भाजपा की राजनीति में बदलाव की बात है तो मुझे नहीं लगता की राजस्थान में कोई बदलाव होगा। पूरा चुनाव नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़ा गया, यहां तक कि भाजपा के उम्मीदवारों ने मोदी का चेहरा सामने रखकर वोट मांगे। राजस्थान की राजनीति में अब वो ही होगा, जो नरेन्द्र मोदी और अमितशाह चाहेंगे। मंत्रिमंडल में भी मोदी और शाह की राय को ही तवज्जों मिलेगी। राजस्थान में अब ऐसा कोई नेता नहीं है जो आला कमान के समक्ष दबाव की राजनीति कर सके। जहां तक भाजपा और कांग्रेस को सीट मिलने का सवाल है तो दोनों ने ही अपने अपने दावे किए हैं। भाजपा ने जहां सभी 25 सीटों पर जीत की बात कही है, वहीं कांग्रेस के अनेक नेताओं का मानना है कि यदि दस सीटे भी मिल जाएगी तो राजस्थान में कांग्रेस मजबूत स्थिति में खड़ी होगी। चूंकि 2014 में एक सीट भी कांग्रेस को नहीं मिली। ऐसे में अब जो सीटें मिलेंगी उसका फायदा कांग्रेस को होगा। चन्द्रा ने कहा कि किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी इस पर मेरा कोई आंकलन नहीं है।
अमेठी में राहुल फंसे हैं, जबकि बनारस और अहमदाबाद में आसान जीत:
चन्द्रा ने कहा कि अमेठी में कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का भाजपा उम्मीदवार और केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी से कड़ी मुकाबला है। इसमें कोई दो राय  नहीं कि भाजपा की फायर ब्रांड नेता ईरानी ने अमेठी में भाजपा की मजबूत जमीन तैयार की है। चन्द्र का मानना रहा कि बनारस से नरेन्द्र मोदी और अहमदाबाद से अमितशाह की जीत आसान है। प्रियंका गांधी ने अपनी उम्मीदवार वापस लेकर मोदी को पहले ही वॉक ऑवर दे दिया, जबकि अहमदाबाद सीट पर अमितशाह के सामने कोई मुकाबला ही नहीं है।
एस.पी.मित्तल) (22-05-19)
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