50 करोड़ की बेशकीमती सम्पत्ति पर अजमेर प्रशासन की टेढ़ी नजर क्यों ? हाईकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं।

50 करोड़ की बेशकीमती सम्पत्ति पर अजमेर प्रशासन की टेढ़ी नजर क्यों ? हाईकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं। अब अवमानना का मामला दायर।

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अजमेर शहर में खासकर विश्व विख्यात ख्वाजा की दरगाह के आसपास ऐसे अनेक भवन हैं जो जर्जर अवस्था में हैं, लेकिन अजमेर प्रशासन की टेढ़ी नजर सिर्फ सौभागमल सखलेचा के भवन पर ही है। चूंकि यह भवन ख्वाजा साहब की दरगाह के मुख्य दरवाजे से मात्र 100 मीटर दूरी पर है, इसलिए इसकी कीमत करीब 50 करोड़ रूपए आंकी जा रही है। दरगाह से लाखन कोटड़ी तक फैली इस सम्पत्ति में करीब 400 वर्गगज भूमि है। इस भवन में 73 वर्षीय बुजुर्ग सौभागमल सखलेचा अपने परिवार के साथ वर्षों से रह रहे हैं। सौभागमल के पास पिता स्वर्गीय मंगलचंद सखलेचा की वसीयत भी है, लेकिन अजमेर प्रशासन के अधिकारी सौभागमल को इस भवन से बेदखल करने पर उतारू है। अजमेर के जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय से बार-बार नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखे जा रहे हैं। कलेक्टर की ओर से कहा जा रहा है कि यह भवन जर्जर हो चुका है इसलिए इसे गिराने की कार्यवाही की जाए। हालांकि ऐसे भवन दरगाह क्षेत्र में और भी है, लेकिन अजमेर प्रशासन सिर्फ इसी भवन को गिराने पर तुला हुआ है। भवन को गिराने में हाईकोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं की जा रही है। चूंकि प्रशासन हाईकोर्ट का भी सम्मान नहीं कर रहा है, इसलिए अब बुजुर्ग सौभागमल ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। इसमें प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।
मालिकाना हक का मामला भी कोर्ट में:
50 करोड़ की बेशकीमती सम्पत्ति के मालिकाना हक का मामला भी सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। स्वर्गीय मंगलचंद सखलेचा के पौत्र कीर्ति सखलेचा ने अपने ताऊजी सौभागमल के वसीयतनामे को चुनौती दी है। आमतौर पर ऐसी विवादित सम्पत्तियों से प्रशासन दूर रहता है क्योंकि ऐसी सम्पत्तियों पर भू-माफियाओं की नजर रहती है। कीर्ति का प्रयास है कि भवन को जर्जर बताकर प्रशासन से गिरवा दिया जाए ताकि सौभागमल का कब्जा नहीं रहे। बताया जाता है कि कीर्ति अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है, इससे 73 वर्षीय बुजुर्ग के सामने विकट समस्या उठ खड़ी हुई है। सवाल यह भी है कि जिला प्रशासन सभी जर्जर भवनों के विरूद्व कार्यवाही क्यों नहीं करता ? दरगाह क्षेत्र में अनेक भवन ऐसे हैं जो खतरनाक स्थिति में है। जबकि सौभागमल ने तो अपने भवन की मरम्मत करवा ली है।
एस.पी.मित्तल) (01-06-19)
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