क्या लाखेरी (बूंदी) डीएसपी ओम प्रकाश चंदोलिया ही शराब की दुकानों से मंथली वसूलता है? राजस्थान भर में है ऐसी स्थिति।

क्या लाखेरी (बूंदी) डीएसपी ओम प्रकाश चंदोलिया ही शराब की दुकानों से मंथली वसूलता है? राजस्थान भर में है ऐसी स्थिति।

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6 जून को राजस्थान के बूंदी जिले के लाखेरी उपखंड के डीएसपी ओम प्रकाश चंदोलिया को 24 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। कोटा स्थित एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रशील ठाकुर ने बताया कि डीएसपी अपने क्षेत्र की शराब की दुकान के ठेकेदार से रिश्वत ले रहा था। 6 हजार रुपए की राशि पहले ली गई और 6 जून को जब 24 हजार की राशि दी जा रही थी, तब डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया। माना जा रहा है कि डीएसपी प्रतिमाह 10 हजार रुपए की मंथली की मांग कर रहा था। अप्रैल से शुरू हुए नए ठेके के हिसाब से जून माह में 30 हजार रुपए हो गए हालांकि ठेकेदार ने पांच हजार रुपए प्रतिमाह का प्रस्ताव रखा था, जिसे चंदोलिया ने ठुकरा दिया। रिश्वत की राशि चंदोलिया अपने निवास पर ही ले रहे थे, तलाशी के दौरान एसीबी को बड़ी मात्रा में अंग्रेजी शराब की बोतले भी मिली। एसीबी की इस कार्यवाही के बाद सवाल उठता है कि क्या चंदोलिया अकेले डीएसपी है जो शराब की दुकान से मंथली वसूल करते हैं? चंदोलिया तो एसीबी के हत्थे चढ़ गया, इसलिए पकड़ा गया। एसीबी जांच पड़ताल करे तो लाखेरी जैसे हालात प्रदेश भर में हैं। जब एक दुकान से 10 हजार रुपए प्रतिमाह एक डीएसपी ले रहा है तो प्रदेशभर में डीएसपी की वसूली का अंदाजा लगाया जा सकता है। शराब की दुकान चलाने वाले ठेकेदार सिर्फ डीएसपी को मंथली नहीं देते बल्कि क्षेत्र के सिपाही से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों को रिश्वत दी जाती है। आमतौर पर थानाधिकारी के माध्यम से वसूली होती है। यदि डीएसपी सीधे ही शराब के ठेकेदारों से वसूली कर रहे है तो फिर राजस्थान पुलिस के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। पुलिस महकमे के अलावा ठेकेदारों को आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी चढ़ावा देना होता है। असल में शराब की दुकानें रात आठ बजे बाद भी खुली रहती है, इसलिए ठेकेदार पुलिस विभाग को खुश रखते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो शराब के ठेके चौबीस घंटे खुले रहते हैं। पुलिस अपराधियों पर भले ही नजर न रखे लेकिन शराब की दुकानों पर नजर अवश्य रखती है। संबंधित थाने की पुलिस को सब पता होता है कि शराब की कौनसी दुकान कितने बजे  बंद होती है और सुबह कितने बजे खुलती है। पुलिस को यह भी पता है कि किन दुकानों पर बाहर से मंगाई गई शराब बिकती है। फिलहाल कोटा एसीबी को शाब्बाशी मिलनी चाहिए की उसके डीएसपी स्तर के अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
एस.पी.मित्तल) (06-06-19)
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