चौतरफा आलोचनाओं के बाद सांसद की शपथ लेंगे राहुल गांधी।

चौतरफा आलोचनाओं के बाद सांसद की शपथ लेंगे राहुल गांधी।
मां सोनिया गांधी ने घर जा कर की मुलाकात। 19 जून को है जन्म दिन।

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17 जून को 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ। सभी नवनिर्वाचित सांसद पूरे उत्साह और उमंग के साथ संसद में उपस्थित रहे। लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी नजर नहीं आए। राहुल गांधी केरल के वायनाड़ के सांसद हैं। पहले ही दिन सुबह राहुल की गैर मौजूदगी सियासी क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी रही। राहुल की गैर मौजूदगी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी ने और गंभीर बना दिया। सत्र शुरू होने से पहले मोदी ने कहा कि विपक्ष को नम्बर की चिंता नहीं करनी चाहिए। तर्क के साथ सरकार की अलोचना लोकतंत्र को मजबूत करती है। असल में 542 में से कांगे्रस को मात्र 52 सीटे मिली है, जबकि भाजपा को अपने दम पर 303 सीटे मिली है। भाजपा के बाद कांग्रेस ही सबसे बड़ा राजनीतिक दल है, लेकिन लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनने के लिए 55 सांसद चाहिए। कांग्रेस और विपक्षी दलों की इस दयनीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही पीएम मोदी का कहना रहा कि विपक्ष को सांसदों की संख्या की चिंता नहीं करनी चाहिए। संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी रणनीति बनाई लेकिन कांग्रेस में ऐसी कोई रणनीति नहीं बन सकी। इसकी एक वजह यह भी रही कि राहुल गांधी विदेश दौरे पर थे। हालांकि राहुल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे रखा है, लेकिन आज भी राहुल के बगैर कांग्रेस में कुछ भी संभव नहीं है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कई बार कह चुके हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष है और रहेंगे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल का इस्तीफा अभी तक भी स्वीकार नहीं किया है। राहुल चाहते हैं कि गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाए।
राहुल के घर पहुंची सोनिया :
यूपीए के चेयरपर्सन और राहुल गांधी की माताजी श्रीमती सोनिया गांधी ने संसदीय परंपराओं को निभाते हुए 17 जून को लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। थोड़ी देर संसद में बैठने के बाद श्रीमती गांधी राहुल गांधी से मिलने के लिए उनके घर पहुंच गई। दोनों में लम्बी मंत्रणा हुई। राहुल गांधी 17 जून की सुबह ही विदेश दौरे से लौटे हैं। इससे प्रतीत होता है कि लोकसभा में कांग्रेस की रणनीति पर राहुल गांधी ने नेताओं से कोई विचार विमर्श नहीं किया है। तय कार्यक्रम के अनुसार 17 और 18 जून को सभी सांसद लोकसभा में शपथ लेंगे और संभवत: 19 जून को लोकसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव हो। 17 जून को सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छह बार के सांसद वीरेन्द्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलवाई। इसके बाद वीरेन्द्र कुमार ने सभी सांसदों को शपथ दिलवाई।
आलोचनाओं के बाद ट्वीट:
चौतरफा आलोचनाओं के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि वे 17 जून को ही सांसद के तौर पर शपथ लेंगे। माना जा रहा है कि सत्र के पहले दिन ही शपथ लेने का निर्णय राहुल गांधी ने दबाव में लिया है। यदि राहुल गांधी सुबह ही अपनी माताजी श्रीमती सोनिया गांधी की तरह संसद पहुंच जाते तो दिन भर कोई विवाद नहीं होता। ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल गांधी स्वयं ही विवाद करने का मुद्दा राजनीतिक दलों को देते हैं। जहां तक विदेश दौरे से लौटने का सवाल है तो उन्हें संसद सत्र के अनुरूप ही अपना विदेश दौरा निर्धारित करना चाहिए था। जब राहुल गांधी राजनीति में सक्रिय है ंतो उन्हें पहली प्राथमिकता राजनीति को ही देनी चाहिए। राहुल गांधी को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वे देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के नेता है। कांग्रेस ने ही देश में 65 वर्षों तक शासन किया है। इसलिए देश की राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उल्लेखनीय है कि 19 जून को राहुल गांधी का जन्म दिन है और राहुल के जन्मदिन को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
एस.पी.मित्तल) (17-06-19)
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