ममता के विरोध में कांग्रेस शासित राजस्थान में क्यों हुई डॉक्टरों की हड़ताल?

ममता के विरोध में कांग्रेस शासित राजस्थान में क्यों हुई डॉक्टरों की हड़ताल? डॉक्टर भी मधुर बने-रघु शर्मा।

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पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों को सुरक्षा देने तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये के विरोध में 17 जून को राजस्थान में भी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। राजस्थान में तो सरकारी डॉक्टर ही नहीं, बल्कि निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे। इससे प्रदेशभर के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि राजस्थान के डॉक्टरों की कोई मांग नहीं थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के खातिर राजस्थान के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। राजस्थान में कांग्रेस का शासन और भाजपा का विरोध करने के लिए कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस एक साथ हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि राजस्थान में सरकार ने हड़ताल को टालने का प्रयास क्यों नहीं किया? क्या कांग्रेस सरकार की अपने ही डॉक्टरों पर कोई पकड़ नहीं है? डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने से रोकने के लिए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के स्तर पर कोई बैठे तक नहीं हुई। सरकार ने प्रदेशभर के मरीजों को डॉक्टरों के राहमो करम पर छोड़ दिया। जानकारों की माने तो इन दिनों राजस्थान में सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की नाराजगी के चलते राज्य सरकार प्रभावी तरीके से काम नहीं कर रही है। यदि सरकार प्रभावी होती तो हड़ताल पर जाने से पहले डॉक्टरों से बातचीत की जानी चाहिए थी। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में राजस्थान में हड़ताल के तुक के बारे में पूछा जाना चाहिए था। ममता बनर्जी तो कह चुकी है कि डॉक्टरों की हड़ताल भाजपा के इशारे पर हो रही है। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार के बारे में यह माना जाता है कि उसका प्रभाव हर वर्ग पर होता है। क्या प्रदेश के चिकित्सकों पर सरकार का कोई प्रभाव नहीं है? सराकर यदि प्रयास करती तो राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था ठप नहीं होती। 17 जून को प्रदेशभर के अस्पतालों में मरीज इधर से उधर भटकते रहे।
डॉक्टर अपना व्यवहार सुधारे-शर्मा:
17 जून को मीडिया से संवाद करते हुए प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हर सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा चाहती है, लेकिन डॉक्टरों को भी मरीजों के साथ अपना व्यवहार मधुर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार डॉक्टर के मधुर व्यवहार से ही मरीज ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के बाद आज उन्होंने प्रदेशभर की चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की है। उन्होंने माना कि प्रदेश भर में ओपीडी बंद हो जाने से लाखों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
एस.पी.मित्तल) (17-06-19)
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