गुर्जरों को पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण का श्रेय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को ही दिया। आईएएस नीरज के पवन की रही महत्वपूर्ण भूमिका। कर्मचारी चयन बोर्ड ने 11 परीक्षाओं पर लगाई रोक। 

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25 जून को राजस्थान भर में आरएएस मुख्य परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हो गई। 22 हजार अभ्यर्थियों वाली यह परीक्षा 26 जून को भी सभी संभाग मुख्यालयों पर होगी। इस परीक्षा को नहीं होने देने के लिए गुर्जर आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने धमकी दी थी। परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले 24 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्नल बैंसला और उनके साथियों को बुलाया और सरकार द्वारा राजस्थान लोकसेवा आयोग को लिखे पत्र की प्रति सौंप दी। इस पत्र में सरकार ने साफ लिखा है कि 2 फरवरी 2019 के बाद जिन भर्तियों की सूचना जारी हुई है, उन सभी भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) यानि गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण अलग से दिया जाए। जिन भर्तियों की परीक्षा सम्पन्न हो गई है उनमें भी परिणाम जारी करने के समय यह नियम लागू किया जाए। यानि अब आरएएस मुख्य परीक्षा में भी एमबीसी के अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत का लाभ मिलेगा। सरकार के इस आदेश के बाद अब गुर्जर समुदाय के आरक्षण को लेकर कोई विवाद नहीं रहा है। सरकार का यह आदेश मेरे फेसबुक पेज  www.facebook.com/SPMittalblog .पर देखा जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह आदेश गुर्जर समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
कर्नल बैंसला को श्रेय:
गुर्जर समुदाय की इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री गहलोत ने पूरी तरह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को दिया है। इसे गहलोत की राजनीतिक कूटनीति ही कहा जाएगा कि जो कर्नल बैंसला भाजपा के नेता हैं और लोकसभा चुनाव में जिन्होंने गुर्जर बहुल्य क्षेत्रों में जाकर कांग्रेस को हराने का कार्य किया उन्हीं बैंसला को अब पांच प्रतिशत आरक्षण दिलवाने का श्रेय दिया गया है। सरकार चाहती तो अपने किसी गुर्जर मंत्री को आगे रखकर घोषणा कर सकती थी, लेकिन सीएम ने ऐसा नहीं किया कुछ लोग फिलहाल इस मुद्दे पर गहलोत की आलोचना कर सकते है, लेकिन गहलोत की इस कूटनीति के दूरगामी परिणाम होंगे। असल में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नल बैंसला और गहलोत के बीच संवाद भी हुआ था। लेकिन डिप्टी सीएम सचिन पायलट के विरोध के चलते कर्नल बैंसला का समर्थन नहीं लिया जा सका। बाद में कर्नल बैंसला भाजपा के पास चले गए। असल में कर्नल बैंसला को श्रेय देकर गहलोत ने पुरानी गलती को सुधारा है। जहां तक बैंसला का सवाल है तो वे गुर्जरों को पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण दिलवाने के लिए समर्पित हैं। ताजा परिस्थितियों में कर्नल के पुत्र और अब आंदोलन की कमान संभाल रहे विजय बैंसला का कहना है कि हमारा आंदोलन अब सफल हो गया है।
पवन की भूमिका:
आरएएस की मुख्य परीक्षा से एक दिन पहले मुख्यमंत्री गहलोत और कर्नल बैंसला के मध्यवार्ता करने और गुर्जर समुदाय को पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए सरकारी आदेश निकलवाने में सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार वरिष्ठ आईएएस नीरज के पवन की महत्वपवूर्ण भूमिका रही। गहलोत के सीएम बनने के बाद से ही पवन गुर्जर आंदोलनकारियों और सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जब कर्नल बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर समुदाय सवाईमाधोपुर में पटरियों पर बैठा, तब भी समझौता करवाने में पवन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि सीएम गहलोत ने तीन सदस्सीय मंत्रियों की टीम बना रखी है, लेकिन मंत्रियों की टीम के बजाए नीरज के पवन की भूमिका ज्यादा प्रभावी है। पवन अपने हूनर से आंदोलनकारियों और सरकार के बीच गजब का तालमेल करवाते हैं। पिछले आंदोलना में पटारियों पर बैठे कर्नल बैंसला से पवन ने ही मोबाइल पर सीएम गहलोत की बात करवाई और अब ताजा आदेश भी सीएम के हाथों बैंसला को ही दिलवाया। असल में पवन को भी पता है कि कर्नल बैंसला का नाम ही गुर्जर आंदोलन है। सीएम गहलोत ने भी पवन की मध्यस्थता की प्रशंसा की है। जबकि कर्नल बैंसला तो पवन को अपने परिवार का सदस्य ही मानते हैं।
11 परीक्षाओं पर रोक :
एमबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत और आर्थिक दृष्टि से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अपनी 11 परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सभी परीक्षाएं जुलाई माह में होनी थी। संबंधित भर्तियों में पुराने अभ्यर्थियों को फिर से आवेदन करने की जरुरत नहीं है। नए पात्र अभ्यर्थी ही आवेदन करेंगे। आरक्षण का निर्धारण कर परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी।

एस.पी.मित्तल) (25-06-19)
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