चुनाव में तो पगड़ी तक रख दी थी, लेकिन मंत्री बनने के बाद समाज के लोगों से मिलने में भी गुरेज।

चुनाव में तो पगड़ी तक रख दी थी, लेकिन मंत्री बनने के बाद समाज के लोगों से मिलने में भी गुरेज। अजमेर के ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि दो दिन तक इंतजार के बाद भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से नहीं मिल सके। 

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चुनाव के दौरान और चुनाव जीतने के बाद मंत्री बन जाने पर राजनेताओं का चरित्र कैसा होता है इसका आभास अजमेर के सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रतिनिधियों को 11 व 12 जुलाई को जयपुर में हुआ। महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित बलराम शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मिलने के लिए 11 जुलाई को जयपुर गया। इस प्रतिनिधि मंडल में संजय तिवारी, कपिल व्यास, नरेश मुदगल, पवन आदि पदाधिकारी शामिल थे। चूंकि गत परशुराम जयंती के मौके पर रघु शर्मा ने समाज का कार्य बताने के लिए कहा था इसलिए प्रतिनिधि मंडल जयपुर गया। 11 जुुलाई को दोपहर को जयपुर पहुंचते ही पंडित बलराम शर्मा ने मंत्री के पीए को मोबाइल पर सूचना दे दी। मंत्री के पीएम ने कहा कि फुर्सत मिलते ही आपको बुलवा लिया जाएगा। चूंकि मसूदा के विधायक राकेश पारीक भी समाज के ही हैं इसलिए प्रतिनिधि मंडल जयपुर स्थित उनके सरकारी आवास पर पहुंच गया। परीक ने समाज के लोगों का पूरा मान सम्मान किया और मंत्री के बुलाने तक उनके घर पर ही इंतजार करने के लिए कहा। रात आठ बजे तक समाज के प्रतिनिधि मंत्री को फोन करते रहे, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। 12 जुलाई को सुबह समाज के लोग मंत्री रघु शर्मा के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पहुंच गए। समाज के लोगों को उम्मीद थी कि अब तो मंत्रीजी से मुलाकात हो ही जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मंत्री प्रभावशाली लोगों से लगातार मिलते रहे लेकिन समाज के लोगों को मिलने के लिए नहीं बुलाया। जब बेबस समाज के बेबस प्रतिनिधि इंतजार कर रहे थे कि तभी रघु शर्मा सरकारी कार में बैठ कर बंगले से चले गए। मंत्री के इस रवैये पर महासभा के जिला अध्यक्ष बलराम शर्मा ने अफसोस जताया है। शर्मा ने बताया कि लोकसभा के उपचुनाव में रघु शर्मा को जिताने के लिए ब्राह्मण समुदाय ने पूरी ताकत लगाई थी। तब एक समारोह में शर्मा ने अपनी पगड़ी समाज के सामने रखी और वायदा किया कि जीतने पर समाज का गुलाम बनकर सेवा करूंगा। उपचुनाव में शर्मा की जीत हुई और फिर केकड़ी में भी विधानसभा चुनाव के दौरान जीत हासिल हुई। लेकिन अब जब रघु शर्मा मंत्री बन गए हैं तो समाज के लोगों को ही सम्मान नहीं दे रहे हैं। बलराम शर्मा ने कहा कि रघु शर्मा उन्हें अच्छी तरह जानते हैं। वे शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी हैं। यह बात भी रघु शर्मा को पता है। अपनी पीड़ा को लेकर बलराम शर्मा ने फेसबुक पर पोस्ट डाली है। अब इस पोस्ट पर ब्राह्मण समुदाय के लोग नाराजगी जता रहे हैं। लोगों का गुस्सा मंत्री के व्यवहार को लेकर है। जानकारों की माने तो रघु शर्मा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ भी ऐसा ही व्यवहार कर रहे हैं। बलराम शर्मा का कहना है कि जब रघु शर्म को समाज और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से मलने की फुर्सत नहीं है तो फिर उनके मंत्री होने का क्या फायदा है।
एस.पी.मित्तल) (13-07-19)
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