अजमेर में ट्रेफिक पुलिस और बाल वाहिनी वाहनों के विवाद में विद्यार्थी और अभिभावक फंसे।

अजमेर में ट्रेफिक पुलिस और बाल वाहिनी वाहनों के विवाद में विद्यार्थी और अभिभावक फंसे। वाहन चालकों की हड़ताल जारी रहेगी। ==========

16 जुलाई को अजमेर शहर में कोई 400 बाल वाहिनी वाहनों के चालक हड़ताल पर रहे। ऑटो-वैन आदि बाल वाहिनी के चालक ट्रेफिक पुलिस की जांच पड़ताल और चालान काटने का विरोध कर रहे हैं। ट्रेफिक पुलिस का कहना है कि ऐसे वाहन चालकों ने सरकार के नियमों के तहत वाहनों का पंजीयन बाल वाहिनी में नहीं करवा रखा है तथा ऑटो-वैन आदि में क्षमता से ज्यादा बच्चों को भरा जाता है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। कई वाहनों के पास फिटनेस सर्टीफिकेट भी नहीं हंै। ट्रेफिक पुलिस का अपना तर्क है, लेकिन स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का काम करने वाले वाहनों के चालकों की अपनी समस्याएं हैं। चालकों का कहना है कि यदि क्षमता से अधिक बच्चों को नहीं बैठाया गया तो फिर आर्थिक नुकसान होगा। शहर के अधिकांश स्कूलों ने अपनी बसें बंद कर दी हैं, ऐसे में स्कूली बच्चों के परिवहन में प्राइवेट वाहन पर अंकुश लगाया गया तो हजारों अभिभावकों को परेशानी होगी। हम अपने स्तर पर बच्चों की सुरक्षा के इतजाम करते हैं।
विद्यार्थी और अभिभावक फंसे:
स्कूली वाहन चालकों और ट्रेफिक पुलिस के बीच जो विवाद शुरू हुआ है उससे शहर के हजारों विद्यार्थी और अभिभावक परेशान हो रहे हैं। 16 जुलाई को हजारों विद्यार्थी स्कूल नहीं जा पाए या फिर माता-पिता ने निजी वाहनों से स्कूल तक छोड़ा। अभिभावकों का कहना है कि दोनों पक्षों को सम्मानजनक रास्ता निकालना चाहिए। जब अधिकांश स्कूलों ने अपनी बसें बंद कर दी हैं तो प्राइवेट वाहनों पर ही अभिभावक निर्भर रहने के लिए मजबूर हैं। बाल वाहिनी में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए। अभिभावक वाहन चालकों को मुंह मांगा किराया प्रतिमाह देते हैं।
हड़ताल जारी रहेगी:
अजमेर वैन यूनियन के अध्यक्ष मून मैसी ने कहा कि 17 जुलाई को भी वाहन चालकों की हड़ताल रहेगी। 16 जुलाई को हड़ताल के दौरान ही यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया था, लेकिन प्रशासन ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। ऐसे में हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। मैसी ने कहा कि पूर्व में ट्रेफिक पुलिस ने बाल वाहिनी के टोकन हमारे वाहनों को जारी किए थे। तब उन्हीं वाहनों को टोकन दिए गए जो नियमों के अनुरूप खरे थे। वाहनों के केरियर को लेकर चालान किया जाता है, जबकि केरियर वैन के ऊपर इसलिए लगाया गया ताकि बच्चों के बैग सुविधाजनक तरीके से रखे जा सके। सभी वाहन चालक वर्दी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी वाहनों को रोक कर चालान किए जा रहे हैं। सुबह वाहनों के चालान करने से बच्चे भी स्कूल जाने में लेट हो जाते हैं। कई बार पुलिस के कर्मचारी वाहन चालकों से अभद्र व्यवहार करते हैं। मैसी ने कहा कि प्रशासन को हमारी समस्याओं पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करना चाहिए।

एस.पी.मित्तल) (16-07-19)
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