विवादों में घिरी अजमेर की डीपीएस स्कूल।

विवादों में घिरी अजमेर की डीपीएस स्कूल। पुलिस तक पहुंचा विवाद।
छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप। अभिभावकों में रोष।
कृषि भूमि पर बनी है स्कूल की बिल्डिंग। नक्शा भी स्वीकृत नहीं।

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अजमेर के निकट तबीजी क्षेत्र में संचालित डीपीएस स्कूल इन दिनों विवादों में घिर गई है। छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें होने, नियमों के विरुद्ध फीस वसूलने, स्कूल परिसर में सुविधाएं नहीं होने, प्रबंधन द्वारा अभिभावकों के सथ दुव्र्यवहार करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। अभिभावकों ने जहां स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दी है, वहीं प्रबंधन ने भी जवाबी रिपोर्ट दर्ज करवाई है। स्कूल प्रबंधन की कार्यवाही से अभिभावकों में रोष व्याप्त है। विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कुछ अभिभावकों ने अपनी बेटियों को स्कूल बस और स्कूल में परेशान करने की शिकायत स्कूल के निदेशक शिशुपाल कुमावत और प्रिंसिपल नीरू पाठक से की। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इस बार जब परेशान अभिभावकों ने अपने बच्चों की टीसी मांगी तो प्रबंधन ने टीसी देने से भी इंकार कर दिया। उल्टे अभिभावकों पर दबाव बनाया गया कि सितम्बर माह तक फीस जमा करवाई जाए। स्कूल प्रबंधन ने जो दुव्र्यवहार किया उसका वीडियो भी अभिभावकों ने बनाया है। पीडि़त अभिभावकों ने टीसी नहीं देने और जबरन फीस वसूलने की शिकायत सीबीएसई में की है तथा दुव्र्यवहार को लेकर मांगलियावास पुलिस स्टेशन पर मुकदमा दर्ज करवाया है। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि प्रवेश के समय जो सुविधाएं देने का वायदा किया था वो स्कूल परिसर में उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं। यहां तक सीसीटीवी कैमरे भी चालू नहीं है। स्कूल परिसर में विद्यार्थियों खास कर छात्राओं के लिए सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि अब अनेक अभिभावक अपने बच्चों को डीपीएस में पढ़ाना नहीं चाहते।
स्कूल प्रबंधन की सफाई:
वहीं स्कूल के निदेशक शिशुपाल कुमावत ने कुछ अभिभावकों के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि जिन अभिभावकों ने टीसी की मांग की है उन्हें स्कूल प्रबंधन टीसी देने को तैयार है। जहां तक प्रबंधन द्वारा अभिभावकों से अभद्र व्यवहार करने का आरोप है तो प्रबंधन तो हमेशा मधुर व्यवहार करता है। कुछ अभिभावकों को भड़काने में स्कूल के पूर्व शिक्षकों का हाथ है। डीपीएस के बैनर को लेकर भी हमने गलत बयानी नहीं दी है। देश में डीपीएस स्कूलों का संचालन ट्रस्ट और प्राइवेट लिमिटेड संस्था द्वारा किया जाता है। हमारा स्कूल प्राइवेट लिमिटेड वाली शिक्षण संस्था से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था देशभर में 200 स्कूलों का संचालन कर रही है। कुमावत ने कहा कि वे स्वयं नाराज अभिभावकों से हर स्तर पर बात करने को तैयार हैं। कुमावत ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि स्कूल बिल्डिंग का नक्शा अजमेर विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं है और न ही अभी कृषि भूमि की किस्म बदली है। यानि स्कूल बिल्डिंग कृषि भूमि पर बनी हुई है। उन्होंने भू रूपांतरण की फाइल चार वर्ष पहले प्राधिकरण में लगा दी थी, लेकिन अदालत की रोक की वजह से प्राधिकरण ने निर्णय नहीं लिया। अलबत्ता भू रूपांतरण की राशि प्राधिकरण में जमा करवा दी गई है। वहीं नाराज अभिभावकों का कहना है कि गैर कानूनी तरीके से बनाई गई स्कूल बिल्डिंग को जिला प्रशासन को सीज करना चाहिए। बिल्डिंग का निर्माण प्राधिकरण के नियमों के तहत भी नहीं किया गया है, जो खतरनाक है।
एस.पी.मित्तल) (18-07-19)
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