ठेकेदार ही बिगाड़ रहा है अजमेर के सुभाष बाग का सौंदर्य। 

ठेकेदार ही बिगाड़ रहा है अजमेर के सुभाष बाग का सौंदर्य।
निगम के अफसर मूक दर्शक। बेवजह खोदा जा रहा है कृतिम तालाब।

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अजमेर शहर के बीचों बीच बने सुभाष बाग के सौंदर्य पर कोई 13 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने के बाद सुभाष बाग को 80 लाख रुपए सालाना ठेके पर दे दिया गया। लेकिन अब संबंधित ठेकेदार ही सुभाष बाग के सौंदर्य को बिगाडऩे का काम कर रहा है। जिस ठेकेदार को बाग का प्राकृतिक सौंदर्य बनाए रखना था, वह स्वयं ही अपने स्तर पर निर्णय लेकर उजाडऩे का काम कर रहा है। सुभाष बाग में कृतिम तालाब का निर्माण किया गया था, इसमें बच्चों के लिए छोटी नाव चलनी थी, लेकिन नाव चलने से पहले ही अब इस कृतिम तालाब को जेसीबी मशीन से खोदा जा रहा है। कृतिम तालाब के लिए नीचे ईंट लगाकर मिट्टी भरी गई थी, उसे बाहर निकाला जा रहा है। ठेकेदार का कहना है कि तालाब के पानी में बदबू आ रही है और बदबू का कारण भूतल पर बिछाई गई मि_ी है, इसलिए अब इस तालाब का ट्रिटमेंट किया जा रहा है। जबकि  निगम के पूर्व के इंजीनियरों ने जांच पड़ताल के बाद यह निर्णय लिया था कि भूतल में ईंट बिछा कर मिट्टी भरी जाए ताकि नावें आसानी से चल सकेंगे। जहां तक पानी में बदबू का सवाल है तो किसी भी कृतिम तालाब के पानी को थोड़े दिनों में बदला जाता है। वैसे भी आनासागर के किनारे होने की वजह से पानी में बदबू आना सामान्य बात है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जेसीबी मशीन सुभाष बाग के पाथवे से ले जाया गया, जिसकी वजह से पाथवे के पत्थर उखड़ गए हैं। इतना ही नहीं मिट्टी को ट्रेक्टरों में भर कर बाहर भेजा जा रहा है। जो सुभाष बाग आम लोगों के चलने के लिए बनाया गया, उस पर अब ट्रेक्टर दौड़ रहे हैं। यही वजह है कि बाग के पेड़ पौधे भी नष्ट हो रहे हैं। मजे की बात ये है कि बाग की इस दुर्दशा पर निगम के अधिकारी मूृक दर्शक हैं। बाग का सौंदर्य लगातार कम हो रहा है, लेकिन अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे। पिछले दिनों ही ठेकेदार के कर्मचारियों को अधिक शुल्क लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। निगम ने सुभाष बाग में प्रवेश पर पांच रुपए का शुल्क निर्धारित कर रखा है, लेकिन ठेकेदार के कर्मचारी कैमरा आदि जे लाने के नाम पर 200 रुपए तक वसूल रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (04-08-19)
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