राहुल गांधी के बयान को आधार बनाकर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर यूएन में शिकायत दर्ज करवाई।

राहुल गांधी के बयान को आधार बनाकर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर यूएन में शिकायत दर्ज करवाई। अब राहुल ने कश्मीर को भारत का अंदरुनी मामला बताया। 

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28 अगस्त को कांगे्रस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर बयान जारी कर कहा कि कश्मीर भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान ही कश्मीर में हिंसा फैला रहा है। राहुल गांधी के यह बयान तब सामने आया है, जब पाकिस्तान ने राहुल गांधी के बयान और श्रीनगर की यात्रा को लेकर ही यूएन में शिकायत दर्ज करवाई है। पाकिस्तान ने इस शिकायत में कहा है कि जब राहुल गांधी कश्मीर के हालात जनने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ श्रीनगर पहुंचे तो उन्हें हवाई अड्डे से ही वापस दिल्ली के लिए रवाना कर दिया। राहुल गांधी ने इस घटना का विरोध भी जताया। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के बाद पाकिस्तान को भले ही एक भी मुस्लिम राष्ट्र का समर्थन न मिला हो, लेकिन राहुल गांधी और कांगे्रस के बयानों को आधार बनाकर शिकायत दर्ज करवाई गई है। चूंकि अब यह मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उठेगा इसलिए राहुल गांधी ने 28 अगस्त को ट्विट कर अपना नया बयान जारी किया है। सवाल उठता है कि यदि पांच अगस्त के बाद ही राहुल गांधी कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बता देते तो पाकिस्तान को यूएन में शिकायत करने का अवसर नहीं मिलता है। सब जानते हैं कि पांच अगस्त को जब लोकसभा में अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के प्रस्ताव पर बहस हो रही थी, तब कश्मीर संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि भारत अब तक कश्मीर के मुद्दे को द्विपक्षीय बताता रहा है। चौधरी ने शिमला समझौते से लेकर कई उदाहरण दिए जिनसे भारत की नीति प्रदर्शित हो रही थी। चौधरी का कहना रहा कि जब भारत कश्मीर को द्विपक्षीय बताता रहा है तो फिर अब अंदरुनी मामला बता कर अनुच्छेद 370 को बेअसर क्यों किया जा रहा है? हालांकि चौधरी के इस बयान का जवाब केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तत्काल दे दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने अब जो शिकायत दर्ज करवाई है, उसमें अधीर रंजन चौधरी के बयान का भी हवाला दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने जिस तरह से अनुच्छेद 370 के पक्ष में बयानबाजी की उससे कांग्रेस को लगातार राजनीतिक नुकसान भी हुआ। हालांकि कांग्रेस के कई नेताओं ने 370 पर केन्द्र सरकार के रुख का समर्थन किया लेकिन इसके बावजूद भी राहुल गांधी विपक्षी दलों के नेताओं को साथ लेकर श्रीनगर पहुंच गए। अब जो हालात बदले हैं उसमें राहुल गांधी को भी अपना नजरिया बदलना पड़ा है। लेकिन राहुल गांधी ने अपना नजरिया बदलने में बहुत देर कर दी। अच्छा होता कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी राज्यसभा और लोकसभा में अनुच्छेद 370 को बेअसर करने के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार का समर्थन करते। कई विपक्षी पार्टियों ने देशहित में प्रस्ताव का समर्थन किया, इसलिए राज्यसभा में भाजपा को बहुमत न होते हुए भी प्रस्ताव पास हो गया। खुद कांग्रेस के चार सांसद मतविभाजन के समय राज्यसभा से अनुपस्थित रहे।
एस.पी.मित्तल) (28-08-19)
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