रिटायर रोडवेज कर्मियों और प्रदेश के बेरोजगारों का नौ माह में ही कांग्रेस सरकार से मोह भंग हो गया।

रिटायर रोडवेज कर्मियों और प्रदेश के बेरोजगारों का नौ माह में ही कांग्रेस सरकार से मोह भंग हो गया। भाजपा सरकार को उखाडऩे में जी जान लगा दी थी।

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यूं तो मौजूदा कांग्रेस सरकार से अनेक संगठन और लोग नाराज होंगे, लेकिन सबसे ज्यादा पीड़ा रोडवेज के रिटायर कार्मिकों और प्रदेश के बेरोजगारों को हो रही है। असल में इन दोनों के लोगों ने गत भाजपा सरकार को उखाडऩे में जी जान लगा दी थी। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव भाजपा शासन में आंदोलन करने पर कई बार जेल भी गए। बेरोजगारों की समस्याओं को लेकर अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग से लेकर जयपुर में विधानसभा और सचिवालय के बाहर तक तम्बू लगाए। प्रदेशभर के बेरोजगारों को एकजुट कर सरकार विरोधी माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दु:खी और परेशान बेरोजगारों ने भाजपा सरकार को हटाने का संकल्प लिया। दिसतम्बर 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनवा कर ही चैन की सांस ली। लेकिन अब 9 माह से बेरोजगारों का कांग्रेस से मोह भंग हो गया है। प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि 12 सितम्बर को जयपुर में स्कूली शिक्षा के सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज करवा कर कांग्रेस सरकार ने दर्शा दिया है कि वह भाजपा से भी ज्यादा अत्याचारी है। परिणाम जारी नहीं होने से 8 हजार अभ्यर्थी पहले ही परेशान है और अब सरकार लाठियों से पीट रही हैं। आरपीएससी ने अभी तक भी परीक्षा का कलेंडर जारी नहीं किया है। अधिकांश परीक्षाओं के परिणाम कोर्ट में फंसे पड़े हैं। यानि बेरोजगारों का जो हाल भाजपा शासन में था, वहीं कांग्रेस शासन में भी है। यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद अब कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही अंादोलन की रणनीति बनाई जाएगी। मोबाइल नम्बर 9460297575 पर पीडि़त बेरोजगार उपेन यादव से संवद कर सकते हैं।
रिटायर रोडवेज कर्मी भी परेशान:
विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए रोडवेज के रिटायर कर्मचारियों ने भी शहरों में रैली निकाली। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को जीताने के लिए टोंक में बड़ा प्रदर्शन भी किया। पायलट तो सरकार में डिप्टी सीएम बन गए, लेकिन रिटायर कर्मचारी वहीं खड़े हैं। रिटायर कर्मचारियों के प्रतिनिधि गिरधारी तंवर ने बताया कि साढ़े तीन हजार कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय गे्रच्युटी,उपार्जित अवकाश, ओवर टाइम की बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ है। कर्मचारी भाजपा के शासन में तीन वर्षों तक परेशान रहे और कांग्रेस सरकार ने 9 माह बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया है। चुनाव में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने जो भरोसा दिलाया है, वह अब टूट गया है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास तो सिर्फ बयानबाजी करते हैं। सरकार को 500 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। रिटायरमेंट पर राशि नहीं मिलने से कर्मचारी की क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारी नजर में भाजपा और कांग्रेस की सरकार में कोई फर्क नहीं है। कांग्रेस सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतर रही है। लोकसभा चुनाव में बुरी हार से भी कांग्रस कोई सबक नहीं ले रही है। सरकार का यदि ऐसा ही रवैया रहा तो पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा। जिस प्रकार भाजपा के शासन में विरोध किया, उसी प्रकार अब कांग्रेस शासन में भी कर्मचारियों को सड़कोंपर उतरना पड़ेगा। रिटायर रोडवेज कर्मियों के आंदोलन के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9461164713 पर गिरधारी कुमावत से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (14-09-19)
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