कश्मीरियों की हमदर्दी के लिए हमारा सुप्रीम कोर्ट ही बहुत है।

कश्मीरियों की हमदर्दी के लिए हमारा सुप्रीम कोर्ट ही बहुत है।
पाकिस्तान को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद अपनी आंखों से देखेंगे हकीकत।
हिरासत में फारुख अब्दुल्ला। सीजेआई भी जा सकते हैं कश्मीर। 

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16 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर के पाबंदी वाले जिले बारामला, आनंतनाग और श्रीनगर में कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को जाने की इजाजत दे दी है, ताकि आजाद अपनी आंखों से कश्मीर की हकीकत देख सके। सीजेआई रंजन गोगोई की अदालत में 16 सितम्बर को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत हिरासत में रखा है। फारुख के निवास को ही जेल में तब्दील किया गया है। इस एक्ट में बगैर सुनवाई के आरोपी को दो वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है। एक अन्य याचिका पर विधायक यूसुफ तरीगामी को दिल्ली से वापस श्रीनगर लौटने की इजाजत भी दे दी गई है। सीजेआई ने केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर कश्मीर के ताजा हालातों पर हलफनामा प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। एक अन्य याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि वे स्वयं भी श्रीनगर जा सकते हैं। 16 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट के रुख से साफ जाहिर है कि वह कश्मीरी नागरिकों के प्रति हमदर्दी रखता है। इसे हमारी न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता ही कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट कश्मीरियों को बेवजह परेशान नहीं होने देगा। 16 सितम्बर को केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि जम्मू और लद्दाख में सभी पाबंदियों हटा ली गई है तथा कश्मीर में भी अनेक रियायतें दी गई है। पिछले चालीस दिनों में सशस्त्र बलों को किसी भी स्थान पर गोली नहीं चलानी पड़ी। हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं। कश्मीर के पांच सात जिलों को लेकर पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हंगामा कर रखा है। अपने कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रैली कर चुके हैं। पाकिस्तान का कहना है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार कश्मीरियों पर जुल्म कर रही है। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि जब हमारा सुप्रीम कोर्ट ही इतनी हमदर्दी दिखा रहा है तब कौन सी सरकार कश्मीरियों पर जुल्म कर सकती है? पाकिस्तान के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को अब पाबंदीवाले क्षेत्रों में भेजा जा रहा है साथ ही सीजेआई स्वयं कश्मीर में जाने को तैयार हैं। यदि कश्मीर घाटी में जुल्म की एक भी घटना होती है तो भारत विरोधी रुख रखने वाला बीबीसी पूरी दुनिया में वीडियो दिखा देता। बीबीसी तो फर्जी वीडियो दिखाकर भारत की छवि बिगाडऩे में लगा है। असल में पाकिस्तान भी जानता है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद 80 प्र्रतिशत क्षेत्र में खुशी का माहौल है। शेष 20 प्रतिशत क्षेत्र जिस दिन पाकिस्तान के चंगुल से बाहर आकर विकास के साथ जुड़ेगा, उस दिन पाकिस्तान की कश्मीर से दुकान उठ जाएगी। यह सही है कि अब पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले कश्मीर की चिंता करनी चाहिए। यहां के कश्मीरी पाकिस्तान की सेना के जुल्मों से दु:खी हो गए हैं। इसलिए आंदोलन कररहे हैं। पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोग अब भारत के जम्मू कश्मीर प्रांत में शामिल होना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर देश की मुख्य धारा से जुड़ गया है। यहां के लोगों को रोजगार मिलने लगा है तथा कारोबार भी बढ़ गया है। जबकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भुखमरी के हालात हैं।
एस.पी.मित्तल) (16-09-19)
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