पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी से अपराध करने वाले राजनेता सबक लें।
कोर्ट ने जेल भेजा। मैं अपने कृत्यों पर शर्मिंदा हंू।

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन इसके बावजूद भी 20 सितम्बर को तीन बार के भाजपा सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद को रेप के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी चिन्मयानंद के शाहजांपुर (यूपी) के आश्रम से हुई है। आरोप है कि लॉ कॉलेज की छात्रा से चिन्मयानंद ने रेप किया है। रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा और मीडिया पिछले कई दिनों से चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लेकर हाईकोर्ट को दिशा निर्देश दिए। चौतरफा दबाव के बाद यूपी सरकार ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया। अब चिन्मयानंद पुलिस के शिकंजे में हैं। चिन्मयानंद बलात्कारी हैं या नहीं, यह फैसला कोर्ट करेगी,लेकिन जो राजनेता यह समझते हैं कि अपराध करने पर उनका कुछ नहीं बिगड़ेगा, उन्हें चिन्मयानंद की गिरफ्तारी से सबक लेना चाहिए। अब जब देश में जागरुक मीडिया, अति सक्रिय न्यायपालिका और आलोचना से डरने वाला सरकारी तंत्र हैं तो फिर अपराधी को कोई संरक्षण मिलना मुश्किल है। वैसे भी चिन्मयानंद जैसे व्यक्तियों को ऐसे अपराधों से बचना चाहिए। चिन्मयानंद के समर्थक कह सकते हैं कि किसी महिला के साथ जोर जर्बदस्ती नहीं की, लेकिन सोशल मीडिया में चिन्मयानंद के जो वीडियो वायरल हुए हैं, उनसे चिन्मयानंद के कृत्य को घिनौना ही कहा जाएगा। भारतीय संस्कृति में साधु-संतों की परंपरा को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यदि ऐसे लोग संस्कृति के विपरीत कृत्य करेंगे तो फिर अंगुली तो उठेगी ही। कुछ राजनेता समझते हैं कि बंद कमरे में कुकृत्य करने पर कोई नहीं देखेगा, लेकिन ऐसे राजनेता भी अब सावधान हो जाए। चिन्मयानंद के वीडियो बताते हैं कि अपने ही लोगों ने पोल खुलवा दी। चिन्मयानंद का धर्म, राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में नाम था, लेकिन अब ऐसा नाम मिट्टी में मिल गया है। सवाल यह नहीं कि आरोप लगाने वाली लड़की ब्लैकमेल कर रही  थी, सवाल आपकी नैतिकता और आचरण का है। जब आप धर्म, राजनीति और सामाजिक क्षेत्र के मंच पर खड़े होकर जनता को उपदेश देते हैं। तब आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप स्वयं भी कहे मुताबिक आचरण करें। आप यदि बंद कमरों में अपने कॉलेज में पढऩे वाली छात्राओं से मालिश करवाएंगे और बाहर निकल बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर भाषण देंगे तो फिर लोग आप पर थूकेंगे ही।
मैं अपने कृत्यों पर शर्मिंदा हंू-चिन्मयानंद:
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में स्वामी चिन्मयानंद ने माना कि कॉलेज की लड़की को मालिश के लिए बुलवाया था। अपने इस कृत्य के लिए वे शर्मिंदा हैं। गिरफ्तारी के बाद चिन्मयानंद को कोर्ट में पेश किया गया, जहां 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस बीच एसआईटी ने बलात्कार का आरोप लगाने वाली लड़की के तीन दोस्तों को भी गिरफ्तार किया है। चिन्मयानंद की ओर से कराई गई एफआईआर में बताया गया कि लड़की के दोस्त पांच करोड़ रुपए की मांग कर रहे थे। चिन्मयानंद की ओर से इस बात के दस्तावेज भी पुलिस को दिए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में आरोप लगाने वाली युवती को भी सहअभियुक्त बनाया है। मालूम हो कि एसआईटी की ओर से इस पूरे प्रकरण में 22 सितम्बर को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
एस.पी.मित्तल) (20-09-19)
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