महात्मा गांधी किसके हैं?

महात्मा गांधी किसके हैं? भाजपा और कांग्रेस दोनों ही स्वयं को गांधी जी के पद चिह्नों पर चलने वाली पार्टी बताती हैं।

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यूं तो महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है। यानि महात्मा गांधी देश के प्रत्येक नागरिक के प्रेरणा स्त्रोत हैं। लेकिन बदले हुए हालातों में देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस महात्मा गांधी को अपना अपना प्रेरणा स्त्रोत बताती हैं। गंभीर बात ये है कि कांग्रेस जब महात्मा गांधी को अपना बताती है तो भाजपा की आलोचना की जाती है। जब भाजपा महात्मा गांधी के पद चिह्नों पर चलने का दावा करती है तब कांग्रेस को कोसने से बाज नहीं आती है। अब चूंकि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर से मनाई जा रही है तब दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने कार्यक्रम घोषित किए हैं। कांग्रेस पूरे देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती को धूमधाम से मनाएगी और फिर 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भाजपा ने भी कहा है कि उनके सांसद अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में पद यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जब संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना संबोधन दिया तो संबोधन की शुरुआत महात्मा गांधी के नाम से ही की। मोदी का कहना रहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए ही देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। मोदी ने बताया कि गांधी जी की पहल पर किस तरह देश में घर घर में शोचालय बनाए गए और अब दो अक्टूबर से प्लास्टिक के उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। कांग्रेस तो गांधी जी को अपने घर का मानती है। यह बात अलग है कि देश की आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस शब्द को हटाने की बात कही थी। गांधी जी का मानना रहा कि कांग्रेस की भूमिका देश को आजाद कराने तक थी। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस शब्द को बनाए रखा। कांग्रेस आजादी का पूरा श्रेय महात्मा गांधी को देती है। लेकिन वहीं देश की आजादी में सरदार भगत, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लखां, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कांग्रेस को अब लगता है कि सोशल मीडिया के माध्यम से महात्मा गांधी की इमेज का खराब किया जा रहा है। कुछ लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के उस ऑडियो को चलाया जा रहा है जो उन्होंने गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया था। देखना है कि देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां महात्मा गांधी को कब तक भुनाती रहेंगी।
एस.पी.मित्तल) (01-10-19)
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