अनुच्छेद 370 को हटे दो माह पूरे होने पर इमरान खान की बौखलाहट फिर सामने आई।

अनुच्छेद 370 को हटे दो माह पूरे होने पर इमरान खान की बौखलाहट फिर सामने आई।
इधर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत की प्रशंसा की।
देश में ही बैठे हैं आतंकियों के हमदर्द। अनंतनाग में ग्रेनेड हमला।

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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटे 5 अक्टूबर को दो माह पूरे हो गए। कश्मीर घाटी के पांच छह जिलों को छोड़कर जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बार फिर बौखलाहट भरा बयान सामने आया है। इमरान ने कहा कि दो माह से कश्मीरियों को कफ्र्यू में रहना पड़ा रहा है। यदि कश्मीरियों की मदद के लिए कोई पाकिस्तानी सीमा पार जाएगा तो भारतीय सेना उसे आतंकवादी बता कर मार देगी। 370 को हटाने को लेकर इमरान खान संयुक्त राष्ट्र संघ में भी अपनी बौखलाहट प्रकट कर चुके हैं। असल में इसी 370 की वजह से पाकिस्तान हमारे जम्मू कश्मीर में दखलदांजी कर रहा था। अब जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान कहीं भी आतंकी वारदात नहीं कर पा रहा है। जम्मू कश्मीर का अस्सी प्रतिशत क्षेत्र सामान्य है, जबकि 20 प्रतिशत में धारा 144 लागू कर कुछ पाबंदियां लगा रखी है, ताकि आतंकी गतिविधियां नहीं हो। असल में पाकिस्तान की सबसे बड़ी बौखलाहट यही है कि कश्मीर घाटी में कोई हिंसा नहीं हो रही है। एक पाकिस्तान बेवजह कश्मीर को मुद्दा बना रहा है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के जुल्मों से तंग आकर अलग राष्ट्र बना बांग्लादेश कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा है। पाकिस्तान भले ही भारत को मुस्लिम विरोधी कहे, लेकिन मुस्लिम राष्ट्र बांग्लादेश को ही भारत और बांग्लादेश के बीच कई समझौते किए हैं। शेख हसीना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा भी की है। शेख हसीना कश्मीर के मुद्दे को पहले ही भारत का आतंरिक मामला बता चुकी हैं।  यदि घाटी में कश्मीरियों पर कोई जुल्म हो रहा होता है तो बांग्लादेश भी एतराज जताता है। पाकिस्तान को इस हकीकत को समझना होगा। यदि हमारे जम्मू कश्मीर से आतंक खत्म होगा तो पाकिस्तान को भी राहत मिलेगी, क्योंकि इस्लामिक स्टेज के आतंकी पाकिस्तान में भी ङ्क्षहसक गतिविधियां करते हैं। भारत के कश्मीरियों की चिंता पाकिस्तान को छोड़ देनी चाहिए। कश्मीरियों के प्रति चिंता जताने के लिए भारत में अनेक नेता बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट स्वयं निगरानी कर रहा है। अपने ही देश के प्रति जहर उगलने वाली पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती का भी सुप्रीम कोर्ट पूरा ख्याल रख रहा है। आतंकियों के मददगार रहे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को भी जायजा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने घाटी में भेजा था। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि घाटी में पाबंदियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा अत्याचार नहीं किया जा रहा है। हमारा सुप्रीम कोर्ट आज भी स्वतंत्रता और निष्पक्षता के साथ काम करता है। इमरान खान को अपनी सरकार की चिंता करनी चाहिए, क्योंकि बावजा के नेतृत्ववाली सेना के जवानों के बूटों की आवाज सुनाई दे रही है। ऐसा न हो कि इमरान खान कुछ ही दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री बन जाएं।
अनंत नाग में ग्रेनेड हमला:
इमरान जिस कश्मीर घाटी में कफ्र्यू लगा होने का दावा कर रहे है, उसी घाटी के अनंत नाग के डीसी दफ्तर के बाहर पांच अक्टूबर को आतंकियों ने ग्रेनेड हमला किया। इसमें पांच नागरिक जख्मी हो गए। अब इमरान बताएं कि जब पाबंदियों में भी ग्रेनेड हमला हो रहा है, तब यदि पाबंदियां नहीं होंगी तो आतंकी क्या करेंगे? कश्मीरियों को बचाने के लिए घाटी में पाबंदियां जरूरी हैं।
एस.पी.मित्तल) (05-10-19)
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