कांग्रेस ने अब राफेल विमान की पूजा पर एतराज जताया।

कांग्रेस ने अब राफेल विमान की पूजा पर एतराज जताया।
आखिर कांग्रेस जनभावनाओं के खिलाफ कृत्य क्यों करती है?

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भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस में राफेल विमान की सुपुदर्गी के समय विमान की पूजा अर्चना करने का जो काम किया उस पर अब कांग्रेस ने एतराज जताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय दीक्षित, उदितराज आदि ने कहा है कि की विदेशी धरती पर लड़ाकू विमान की पूजा अर्चना कर भाजपा के नेता नाटक कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने तो यहां तक कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है इसलिए किसी धर्म विशेष के अनुरूप राफेल की पूजा अर्चना नहीं की जानीचाहिए। इसी प्रकार राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री ने फ्रांस जाकर नाटकबाजी की है।  यानि कांग्रेस को अब पूजा अर्चना पर भी एतराज है। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस के नेता हर बार जनभावना के विरुद्ध कृत्य क्यों करते हैं? सब जानते हैं कि सनातन संस्कृति को मानने वाले लोग जब अपने घर में कोई नई वस्तु खरीदते हैं तो पूजा अर्चना करते ही हैं। कोई परिवार अपने वाहन को किसी मंदिर में ले जाता है, तो कुछ लोग अपने घरों पर ओम या स्वातिक का निशान अंकित कर खुशी मनाते हैं। वैसे भी आठ अक्टूबर को असत्य पर सत्य की विजय का उत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा था। हमारे यहां दशहरे पर शस्त्र पूजन की परंपरा सदियों पुरानी हैं। सैन्य अधिकारियों का भी मानना है कि राफेल विमान के भारतीय सेना में शामिल होने से सेना को और मजबूती मिलेगी। यानि राफेल विमान भारत के लिए एक सशस्त्र के तौर पर है। ऐसे में यदि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस में सनातन संस्कृति के अनुरूप राफेल विमान पर ओम का निशान अंकित कर पूजा अर्चना की है तो इस पर किसी को भी एतराज नहीं होना चाहिए। राजनाथ सिंह ने सनातन संस्कृति और जनभावनाओं के अनुरूप यह काम किया है। कई बार यह देखा गया है कि किसी उत्पाद को बुरी नजर से बचाने के लिए नींबू और मिर्ची को टांगा जाता है। ऐसी जनभावना घर घर में होती है। नींबू और मिर्ची बांधने या टांगने के बाद संबंधित व्यक्ति को भरोसा होता है कि अब बुरी नजर नहीं लगेगी। हो सकता है कि कुछ लोग इसे अंधविश्वास माने लेकिन यह लाखों लोगों के विश्वास की बात भी है। व्यक्ति वो ही काम करता है जिससे उसके मन को शांति मिलती है। सवाल किसी परिणाम का नहीं है। सवाल मन की शांति का है। यदि किसी काम से मन की शांति मिल रही है तो कांग्रेस को एतराज करने की क्या जरूरत है? कांग्रेस के नेता उदितराज ने रक्षा मंत्री के कृत्य को अंधविश्वास करार दे दिया। कांग्रेस इन दिनों वैसे ही बुरे दौर से गुजर रही है। महाराष्ट्र और हरियाणा में जब विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं तब कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी विदेश दौरे पर हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी राहुल के विदेश दौरे पर जाने पर टिप्पणी की है। यानि अब राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस के नेता भी एतराज जता रहे हैं। सब जानते हैं कि गत लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे को बड़ा मुद्दा बनाया था। लेकिन देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी और भाजपा को वर्ष 2014 से भी ज्यादा 303 सीटें देकर जता दिया कि राफेल सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। यानि केन्द्र सरकार में फ्रांस सरकार के साथ राफेल खरीद का जो सौदा किया है वह न केवल सही है बल्कि भारत की सैन्य ताकत को भी बढ़ाएगा। जब देश के आम लोगों ने राफेल सौदे पर मुहर लगा दी हो तब कांग्रेस के नेताओं को राफेल के मुद़्दे पर विरोध करने से बचना चाहिए। कांग्रेस जब जब भी जनभावनाओंके खिलाफ कृत्य करती है, तब तब उसे नुकसान उठाना पड़ता है।
एस.पी.मित्तल) (09-10-19)
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