विपक्षी दलों में हिम्मत हो तो अनुच्छेद 370 को वापस लागू करने की घोषणा करें।

विपक्षी दलों में हिम्मत हो तो अनुच्छेद 370 को वापस लागू करने की घोषणा करें।
पीएम मोदी ने कहा कि चार माह से पहले ही कश्मीर के हालात सामान्य हो गए।

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13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। मोदी के भाषण से साफ जाहिर था कि हरियाणा और महाराष्ट्र का चुनाव अब अनुच्छेद 370 को हटाने पर ही लड़ा जाएगा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस एनसीपी जैसे दल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन यदि इन दलों के नेताओं में हिम्मत हो तो वे अनुच्छेद 370 को वापस लागू करने की घोषणा करें। मोदी ने कहा कि विपक्षी दल इस मुद़्दे पर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। कल तक जो असंभव लग रहा था, उसे हमने मुमकिन किया है। अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद कश्मीर में तेजी से अमन चैन कायम हो रहा है। प्रदेश के लोग इस बात से खुश है कि उन्हें अब अनेक सरकारी सुविधाएं मिलेंगी। अनुच्छेद 370 की वजह से अब तक कश्मीर के लोग इन सुविधाओं से वंचित थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो नेता 370 को हटाने के बाद के हालातों का डर दिखाते थे, उन्हें अब यह समझना चाहिए कि चार माह से पहले कश्मीर के हालात सामान्य हो गए हैं। आज पूरा देश एक साथ खड़ा है। लेकिन कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थों की खातिर विरोध कर रहे हैं। कश्मीर के पड़ौस में नापाक शक्तियां सक्रिय हैं। जो हालातों को बिगाडऩे पर तूली हुई है, लेकिन हम हालातों को किसी भी स्थिति में बिगडऩे नहीं देंगे। मोदी के भाषणा से साफ था कि चुनाव में भाजपा अनुच्छेद 370 को सबसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। मोदी ने इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों को कठघरे में खड़ा किया। मोदी ने जिस अंदाज में भाषण दिया उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि आने वालले चुनावों में भी भाजपा की ओर से अनुच्छेद 370 को हटाने का मुद्दा ही अहम रहेगा। सब जानते हैं कि महबूबा मुफ्ती जैसी नेतेाओं ने कहा था कि यदि अनच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ की गई तो जम्मू कश्मीर में तिरंगे को कंधा देने वाला कोई नहीं मिलेगा। ऐसी हिंसा होगी की संभालना मुश्किल होगा। लेकिन आज वो ही महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की सरकार की मेहरबानी पर निर्भर हैं और अलगाववाद ग्रस्त कश्मीर घाटी में भी हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। घाटी में अभी भी जो नेता पाकिस्तान के आतंकियों के इशारों पर काम कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि कश्मीर घाटी के युवाओं को रोजगार  चाहिए। सेना में भर्ती होने के बाद कश्मीर के युवा बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इससे भी कश्मीर के हालातों का अंदाजा लगा लेना चाहिए। वैसे भी जम्मू कश्मीर के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र में अमन चैन है और इंटरनेट से लेकर सभी सुविधाएं बहाल कर दी गई है। कश्मीर घाटी में भी 14 अक्टूबर से पोस्ट पैड मोबाइल चालू हो जाएंगे। इससे पहले लैंड लाइन फोन भी शुरू कर दिए गए थे।
एस.पी.मित्तल) (13-10-19)
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