बसपा के राष्ट्रीय संयोजक और प्रदेश प्रभारी का जयपुर में मुंह काला कर जूतों की माला पहनाई और फिर गधों पर बैठा कर जुलूस निकाला।

बसपा के राष्ट्रीय संयोजक और प्रदेश प्रभारी का जयपुर में मुंह काला कर जूतों की माला पहनाई और फिर गधों पर बैठा कर जुलूस निकाला। मायावती ने इसे कांग्रेस की घिनौनी हरकत बताया। 

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22 अक्टूबर को राजस्थान के जयपुर में उस समय माहौल गरम हो गया, जब बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक रामजी गौतम और प्रदेश प्रभारी सीताराम का बसपा के ही कार्यकर्ताओं ने मुंह काला कर जूते-चप्पलों की माला पहनाई। इतना ही नहीं गधों को लाकर दोनों को अलग अलग गधों पर बैठाया और बनी पार्क क्षेत्र में घुमाया। असल में जयपुर के बनी पार्क में ही बसपा का प्रदेश कार्यालय है। रामजी गौतम और सीताराम कार्यकर्ताओं से संवाद करने के लिए ही आए थे। लेकिन कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि इन दोनों ने विधानसभा के चुनाव में बसपा के टिकिट बेचे हैं। कार्यकर्ताओं और दोनों नेताओं के बीच थोड़ी देर में ही विवाद बढ़ गया। कार्यकर्ता रामजी गौतम और सीताराम को कार्यालय से बाहर लाए और उनके मुंह पर कालिख पोत दी, धक्का मुक्की के बीच ही दोनों के गले में जूते-चप्पलों की माला पहना दी। इसके बाद दोनों को अलग अलग गधों पर बैठाया और जुलूस निकाला। कार्यकर्ताओं ने इन दोनों नेताओं पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों नेताओं के साथ बदसलूकी करने में बसपा के कार्यकर्ता ही शामिल थे।
मायावती का कांग्रेस पर हमला:
22 अक्टूबर को जयपुर में हुई इस घटना पर बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी टिप्पणी की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने पहले तो हमारे छह विधायकों को तोड़ा और अब हमारे नेताओं के साथ बदसलूकी करवाई है। कांग्रेस की यह घिनौनी हरकत है। यह हमारे दलित मुवमेंट को नुकसान पहुंचाने वाली घटना है। कांग्रेस को ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए। मायावती की इस टिप्पणी के बाद राजस्थान में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। मालूम हो कि पिछले दिनों ही सभी छह विधायकों ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी बसपा विधायकों को कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता दे दी। इससे भी मायावती कांग्रेस से बेहद खफा है। अब राजस्थान में बसपा का कोई विधायक नहीं है। बसपा के विधायक राजेन्द्र गुढा ने खुला आरोप लगाया था कि बसपा में पैसे लेकर टिकिट दिए जाते हैं। यहां ये भी उल्लेखनीय है कि ऐसी ही घटनाओं को लेकर राजस्थान में कांगे्रस की सरकार ने मॉबलिंचिंग का कानून बनाया है। अब देखना होगा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरे मामले में क्या कार्यवाही करते हैं। यह तो अच्छा रहा कि इस बदसलूकी में बसपा के कार्यकर्ता ही शामिल थे। यदि किसी अन्य समुदाय के कार्यकर्ता शामिल होते तो अब तक जयपुर के हालात बिगड़ जाते। जो भी ऐसी घटनाओं की घोर निंदा होनी चाहिए और अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (22-10-19)
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