अजमेर में विद्युत चोरी पकडऩे और जुर्माना लगाने में टाटा पावर की मनमानी पर रोक लगाई।

अजमेर में विद्युत चोरी पकडऩे और जुर्माना लगाने में टाटा पावर की मनमानी पर रोक लगाई। टाटा पावर का आदेश भी निष्प्रभावी। एवीवीएनएल के एमडी ने चेयरमैन को शिकायत की। 

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अजमेर में विद्युत वितरण की व्यवस्था संभाल रही फैंइचाइजी टाटा पावर लिमिटेड की विद्युत चोरी पकडऩे और मनमाना जुर्माना वसूलने के मामले में अजमेर विद्युत वितरण निगम (एवीवीएनएल) ने नाराजगी जताई है। निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता एके जागेटिया ने 25 अक्टूबर को जारी अपने एक आदेश में माना है कि चोरी पकडऩे और फिर जुर्माना वसूलने के मामले में टाटा पावर का मनमाना रवैया है। इसी आदेश में माना गया कि टाटा पावर के खिलाफ उपभोक्ताओं की शिकायत लगातार बढ़ रही है। हालात इतने बिगड़्े हैं कि टाटा पावर अपने स्तर पर ही आदेश जारी कर रहा है, जबकि ऐसे आदेश जारी करने से पहले टाटा पावर को निगम से अनुमति लेनी चाहिए। बगैर अनुमति के टाटा पावर ने गत एक जनवरी 2019 को आदेश संख्या 6 जो जारी किया है उसे तुरंत प्रभाव से निष्प्रभावी कर दिया गया है। इसके साथ ही जागेटिया ने विद्युत चोरी पकडऩे और जुर्माना वसूलने को लेकर उपखंड स्तर पर नई व्यवस्था भी लागू की है ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी नहीं हो। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि टाटा पावर लिमिटेड फ्रेंचाइज की हैसियत से ही काम करें।
चेयरमैन को शिकायत:
अजमेर की बिगड़ी विद्युत व्यवस्था को लेकर निगम के एमडी बीएस भाटी ने टाटा  पावर लिमिटेड चेयरमैन को शिकायत की है। इस शिकायत में 25 अक्टूबर को धनरेरस के दिन शहर के प्रमुख इलाके में कई घंटों तक बिजली बंद करने पर सख्त नाराजगी जताई गई। भाटी ने कहा कि टाटा पावर को अनुबंध के मुताबिक ही कार्य करना होगा। निगम ने राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के तहत शहर की वितरण व्यवस्था की फें्रचाइजी टाटा पावर को दी है। टाटा पावर अपनी मर्जी से कोई आदेश जारी नहीं कर सकता।
कम्पाउंडिंग राशि की भी जांच होगी:
प्राप्त जानकारी के अनुसार टाटा पावर विद्युत चोरी पकडऩे पर उपभोक्ता से जुर्माना राशि के साथ साथ कम्पाउंडिंग राशि भी वसूलता है। कम्पाउंडिंग राशि नियमानुसार राज्य सरकार के खाते में जमा होनी चाहिए। निगम इस बात की जांच करवाएगा कि कम्पाउंडिंग राशि जमा हुई या नहीं। यदि कम्पाउंडिंग राशि जमा नहीं हुई है तो टाटा पावर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
टाटा पावर की सफाई:
वहीं टाटा पावर के सीईओ गजानंद काले का कहना है कि हम अजमेर शहर में फ्रेंचाईजी की तरह की काम कर रहे हैं। 25 अक्टूबर को निगम के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता  ने जो आदेश जारी किया है उसकी मुझे जानकारी नहीं है। हम निगम के साथ  हुए समझौते के अनुरूप ही बिजली वितरण का कार्य कर रहे हैं। निगम जो आदेश देगा, उसकी समझौते के अनुरूप पालना की जाएगी। अजमेर की विद्युत व्यवस्था को कंपनी के चेयरमैन को शिकायत करने की भी कोई जानकारी नहीं है। जहां तक कम्पाउंडिंग राशि का सवाल है तो प्रतिमाह यह राशि निगम के खाते में जमा करवाई जाती है।
एस.पी.मित्तल) (29-10-19)
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