सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष जीत जाए, तब भी अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने दें-मौलाना कल्बे सादिक।

सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष जीत जाए, तब भी अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने दें-मौलाना कल्बे सादिक।
वहीं कश्मीर में मुस्लिम आतंकियों ने पांच मुस्लिम श्रमिकों को मौत के घाट उतारा।

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देश के मौजूदा हालातों खास कर मुस्लिम राजनीति के परिपेक्ष्य में दो घटनाओं को समझने की जरुरत हैं। 29 अक्टूबर को मुस्लिम आतंकियों ने कश्मीर के कुलगाम इलाके के कटरासू में पांच मुस्लिम श्रमिकों को मौत के घाट उतार दिया। शेख कमरुद्ददीन, शेख मोहम्मद रफीक, शेख मुरसलीन, शेख निजामुद्दीन और मोहम्मद निजामुद्दीन का दोष इतना ही था कि वे अपने मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) को छोड़कर कश्मीर में निर्माण कार्य के तौर पर मजदूरी कर रहे थे। यानि कश्मीर के मुस्लिम आतंकियों को यह पसंद नहीं था कि कोई व्यक्ति पश्चिम बंगाल से आकर यहां रोजी रोटी कमाए। भले ही ऐसे श्रमिक मुसलमान ही क्यों न हों। अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद ही कश्मीर के आतंकी बौखलाए हुए है। सब जानते हैं कि ऐसे आतंकियों को पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा है। जिस प्रकार पाकिस्तान में मुसलमान, मुसलमान को ही मार रहा है उसी प्रकार अब मुस्लिम आबादी वाले कश्मीर घाटी में भी हो रहा है। कुछ आतंकी अपने वजूद को कायम रखने के लिए मुसलमानों को ही मौत के घाट उतार रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य के मुसलमानों के हितों को लेकर चिंतित रहती हैं। अब ममता बनर्जी को ही बताना चाहिए कि मुस्लिम आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के मुस्लिम श्रमिकों की हत्या क्यों की? क्या पश्चिम बंगाल और कश्मीर में रहने वाले मुसलमान में फर्क है? जब कश्मीर के आतंकियों को मुसलमानों की हत्या करने से ही कोई परहेज नहीं है तो गैर मुस्लिमों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सराहनीय है मौलाना कल्बे सादिक की पहल:
एक ओर कश्मीर में मुस्लिम श्रमिकों की ही हत्या की जा रही है, वहीं देश के मुसलमानों में पैठ रखने वाले और मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक ने कहा है कि यदि सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष जीत भी जाता है तो उसे अयोध्या में मस्जिद के स्थान पर भगवान राम का मंदिर बनवाना चाहिए। मंदिर बनवाकर हम करोड़ों हिन्दुओं का दिल जीत लेंगे जो मौजूदा समय में जरूरी है। वैसे भी झगड़े की जगह पर मस्जिद नहीं बननी चाहिए। मौलाना कल्बे सादिक का कहना है कि यदि हिन्दू पक्ष की जीत होती है तो मुस्लिम पक्ष को मंदिर बनवाने में सहयोग करना चाहिए। मौलाना ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जो मुसलमान पढ़ लिखकर अपना कारोबार कर रहा है उसे मंदिर में सहयोग पर कोई एतराज नहीं है। ऐसा मुसलमान देश में शांति चाहता है। जो आतंकी कश्मीर में अए दिन हत्याएं कर रहे हैं उन्हें मौलाना कल्बे सादिक की पहल से सीख लेनी चाहिए।
एस.पी.मित्तल) (30-10-19)
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