आखिर किस मंत्री की शह पर सरवाड़ नगर पालिका में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था?

आखिर किस मंत्री की शह पर सरवाड़ नगर पालिका में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था?
एसीबी ने पालिका के जेईएन हरिसिंह को 55 हजार व ईओ दीपेन्द्रसिंह शेखावत तथा कैशियर देवेन्द्र सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। जेईएन होते हुए भी शेखावत के पास केकड़ी और सरवाड़ नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी का चार्ज है। 

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6 नवम्बर को अजमेर स्थित एसीबी के डीएसपी महिपाल सिंह के नेतृत्व में अजमेर जिले की सरवाड़ नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्यवाही की गई। एसीबी की टीमों ने सरवाड़ पालिका में जेईएन रहे हरिसिंह को निम्बाहेड़ा से 55 हजार तथा सरवाड़ में ईओ दीपेन्द्र सिंह शेखावत तथा कैशियर देवेन्द्र सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सरवाड़ नगर पालिका के अध्यक्ष विजय कुमार लढ्ढा, उनके पुत्र मयूर लढ्ढा, दलाल राजेश शर्मा व विनोद शर्मा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। एसीबी के पास फोन रिकॉर्ड से लेकर अनेक सबूत हैं, जिनसे पता चलता है कि केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली सरवाड़ नगर पालिका में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था। ताजा शिकायत सरवाड़ की ही अर्श एंटरप्राइजेज के महावीर सिंह जैन और अभिषेक जैन ने दर्ज करवाई। शिकायत में 18 लाख रुपए के बिल  के भुगतान में पालिका के अधिकांश अधिकारी रिश्वत की मांग कर रहे थे। जेईएन हरिसिंह ने तो अपनी रिश्वत के 55 हजार रुपए वसूलने के लिए महावीर जैन से 55 हजार रुपए का चैक अमानत के तौर पर ले लिया। असल में जेईएन हरिसिंह का तबादला पिछले दिनों निम्बाहेड़ा में हो गया। हरिसिंह ने सरवाड़ में जो बिल पास किए उसी एवज में 55 हजार रुपए की मांग की थी।
6 नवम्बर को एसीबी की योजना के अंतर्गत जब निम्बाहेड़ा में 55 हजार रुपए नकद देकर चैक वापस लिया जा रहा था, तब हरिसिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इसी प्रकार डीएसपी महिपाल सिंह स्वयं सरवाड़ में उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि पालिका के ईओ दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने अर्श एंटरप्राइजेज से 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। 40 हजार रुपए तो पहले वसूले जा चुके थे। शेष दस हजार रुपए शेखावत अपने कैशियर देवेन्द्र सिंह के माध्यम से ले रहा था। कैशियर ने अपने दस हजार रुपए भी वसूले। इसलिए देवेन्द्र सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। देवेन्द्र सिंह जब रिश्वत ले रहा था, तब ईओ शेखावत भी पालिका में ही मौजूद था। इसलिए एसीबी की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी का मानना है कि सरवाड़ पालिका में हरस्तर पर भ्रष्टाचार हैं।
आखिर कौन सा मंत्री मेहरमान है?:
केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली सरवाड़ नगर पालिका में 6 नवम्बर को एसीबी ने जो बड़ी कार्यवाही की है उससे सवाल उठता है कि आखिर किस मंत्री की शह पर भ्रष्टाचार का इतना बड़ा खेल हो रहा था? एसीबी की नजर में भ्रष्टाचार का केन्द्र पालिका सेवा के जेईएन दीपेन्द्र सिंह शेखावत हैं। राजनीतिक सिफारिश के कारण शेखावत को पहले केकड़ी नगर पालिका का अधिशाषी अधिकारी बनाया गया और फिर सरवाड़ पालिका के अधिशाषी अधिकारी का चार्ज भी दे दिया गया। शेखावत के राजनीतिक रुतबे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि केकड़ी नगर पालिका में लेखराम बैरवा पालिका सेवा के सीनियर जेईएन हैं, लेकिन जूनियर शेखावत को दो-दो नगर पालिका का अधिशाषी अधिकारी बना दिया। राजनीति और प्रशासन में कहावत है कि मंत्री मेहरबान तो अफसर पहलवान। यही वजह है कि एक जूनियर इंजीनियर को दो दो नगर पालिकाओं का सबसे बड़ा अफसर बना दिया। यह तो गनीमत है कि केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में दो ही नगर पालिका हैं। तीसरी और चौथी होती तो दीपेन्द्र सिंह शेखावत ही अधिशाषी अधिकारी होते। सब जानते हैं कि केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में किसकी सिफारिश से नियुक्तियां होती हैं। क्या सिफारिशी अब शेखावत के भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेंगे? एसीबी के डीएसपी महिपाल सिंह की हिम्मत की दाद देनी चाहिए, जिन्होंने दीपेन्द्र सिंह शेखावत जैसे अफसर पर हाथ डाला है। एसीबी जब भी कोई कार्यवाही करती है, तब गहन होमवर्क करती है। प्राथमिक जांच के दौरान शेखावत के राजनीतिक संरक्षण के बारे में भी पता चल गया होगा, लेकिन एसीबी की बोल्ड कार्यवाही की। इससे संरक्षण देने वाले नेताओं को भी अपनी हैसियत का अंदाजा लगा लेना चाहिए।
सरवाड़ में भाजपा के हैं पालिकाध्यक्ष:
सरवाड़ नगर पालिका में पालिका अध्यक्ष के पद पर भाजपा के विजय कुमार लढ्ढा आसीन हैं। लढ्ढा को हटाने को लेकर भाजपा के पार्षद ही लम्बे समय से सक्रिय हैं, लेकिन कांग्रेस के पार्षदों के समर्थन की वजह से लढ्ढा अभी भी पालिका के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। सवाल उठता है कि जब भाजपा के पार्षद लढ्ढा को हटाना चाहते हैं, तब किस राजनीतिक संरक्षण के कारण लढ्ढा को पालिका अध्यक्ष बनाए रखा गया है? जबकि केकड़ी नगर पालिका में भाजपा के अध्यक्ष को हटाने के लिए कांग्रेस सरकार ने कई बार कार्यवाही की है। यहां तक कि पालिका अध्यक्ष को निलंबित करने के आदेश भी जारी किए गए। यह बात अलग है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लग गई। जब सरवाड़ पालिका में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है तो फिर कांग्रेस के शासन में पालिका अध्यक्ष लढ्ढा को क्यों बनाए रखा गया है?
एस.पी.मित्तल) (06-11-19)
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