तो क्या सम्पत सांखला बन जाएंगे अजमेर के मेयर?

तो क्या सम्पत सांखला बन जाएंगे अजमेर के मेयर? कांग्रेस सरकार के न्यायिक जांच के निर्णय के बाद मेयर धर्मेन्द्र गहलोत पर फिर लटकी निलंबन की तलवार। 

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अजमेर नगर निगम के बहुचर्चित 13 कॉमर्शियल नक्शों के प्रकरण की अब न्यायिक जांच होगी। कांगे्रस सरकार के इस निर्णय से एक बार फिर भाजपा बोर्ड के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत पर निलंबन की तलवार लटक गई है। इस प्रकरण में गहलोत को प्रशासनिक जांच में पहले ही दोषी माना जा चुका है। अब यदि गहलोत को निलंबित किया जाता है तो डिप्टी मेयर सम्पत सांखला मेयर की कुर्सी पर बैठ जाएंगे। सांखला भी भाजपा के ही पार्षद है। ऐसे में मेयर पद पर भाजपा का कब्जा बकरार रहेगा। यदि मेयर का पद आरक्षित वर्ग के लिए होता तो सरकार आरक्षित वर्ग के किसी भी कांग्रेसी पार्षद को मेयर बना सकती थी, लेकिन अजमेर में मेयर का पद सामान्य वर्ग का है। इसलिए रिक्त होने पर डिप्टी मेयर स्वत: ही मेयर बन जाएंगे। यह बात अलग है कि डिप्टी मेयर सांखला भी धर्मेन्द्र गहलोत की तरह ओबीसी वर्ग के हैं। चूंकि राजनीतिक पदों पर ओबीसी वर्ग का आरक्षण नहीं है, इसलिए सम्पत सांखला का मेयर बनने का ख्याल पूरा हो सकता है। साढ़े  चार वर्ष पहले तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने सांखला को मेयर बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन तब स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी अपने राजनीतिक कौशल से गहलोत को मेयर बनवाने में सफल रहे।
गहलोत समर्थकों को निलंबन की उम्मीद नहीं:
वहीं मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के समर्थकों को निलंबन की उम्मीद नहीं है क्योंकि कांग्रेस सरकार को निलंबित करना होता तो पहले ही कर देती। पूर्व में गहलोत को निलंबन का नोटिस भी दिया जा चुका है। इस नोटिस को गहलोत ने हाईकोर्ट में चुनौती भी दे रखी है। जहां तक न्यायिक जांच के निर्णय का सवाल है तो यह एक सामान्य प्रक्रिया है। प्रशासनिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद सरकार किसी रिटायर न्यायिक अधिकारी से जांच करवाती ही है। न्यायिक जांच में पांच वर्ष से अधिक का समय लगता है। जिन 13 कॉमर्शियल नक्शों की स्वीकृति में गहलोत को दोषी माना जा रहा है उसमें गहलोत पूर्व में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष अपना पक्ष रख आएं हैं। सरकार ने तभी कोई कार्यवाही नहीं की तो अब निलंबन की कार्यवाही की उम्मीद गहलोत के समर्थकों को नहीं है। फिर भी अपने अधिकारों के प्रति गहलोत जागरुक हैं।
एस.पी.मित्तल) (07-11-19)
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