राजस्थान में कृषि भूमि के अन-रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर भी पट्टे जारी होंगे।

राजस्थान में कृषि भूमि के अन-रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर भी पट्टे जारी होंगे।
भूखंडों की नीलामी की राशि अब एक वर्ष में चुकानी होगी।
49 निकाय चुनाव के मौके पर सीएम गहलोत प्रदेशाध्यक्ष पायलट और मंत्री धारीवाल ने घोषणा पत्र जारी किया। 

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राजस्थान में 16 नवम्बर को होने वाले 49 निकाय चुनाव के मद्देनजर 13 नवम्बर को सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र जारी किया है, चूंकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए माना जा रहा है कि घोषणा पत्र की क्रियान्विति हो जाएगी। प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाने के लिए 13 नवम्बर को घोषणा पत्र जारी होने के समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल उपस्थित रहे। धारीवाल ने ही घोषणा पत्र के 25 बिंदुओं को पढ़ कर सुनाया। धारीवाल के विभाग को ही घोषणा पत्र की क्रियान्विति करनी है। धारीवाल ने कहा कि कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे इसलिए जारी नहीं हो रहे है कि बेचान के दस्तावेज अन-रजिस्टर्ड हैं। इससे प्रदेश के हजारों लोगों को परेशानी हो रही है। लेकिन अब सरकार अन-रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर भी पट्टे जारी कर देगी। धारीवाल ने कहा कि कृषि भूमि पर बसी आवासीय कॉलोनियों के पट्टे भी अभियान चला कर जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही निकाय द्वारा नीलाम किए जाने वाले भूखंडों की जटिल प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा। अब नीलामी की राशि एक वर्ष में किश्तों में जमा करवाई जा सकेगी। जबकि अभी तक एक माह में जमा करवाना अनिवार्य है। अब नीलामी छूटने के समय 25 प्रतिशत के बजाए 15 प्रतिशत की राशि ही जमा करानी होगी। जयपुर कोटा अजमेर की तरह अब उदयपुर, जोधपुर, भरतपुर और बीकानेर में भी नगरीय बस सेवा की शुरुआत की जाएगी। घर घर कचरा संग्रहण को और प्रभावी बनाया जाएगा। निकायों को और सशक्त बनने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में जब भी कांग्रेस का शासन होता है तो लोगों को अनेक प्रकार से राहत दी जाती है। गहलोत ने कहा कि घोषणा पत्र में जो वायदे किए गए हैं, उनकी क्रियान्विति हर हालत में की जाएगी। कांग्रेस के जारी घोषणा पत्र से प्रतीत होता है कि शहरी मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े वायदे किए गए हैं। अब देखना होगा कि इन वायदों का मतदाताओं पर कितना असर पड़ता है। अलबत्ता कांग्रेस के घोषणा पत्र में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है वे मतदाताओं से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। आबादी क्षेत्रों का विस्तार होने से बड़ी संख्या में कृषि भूमि पर मकान बन गए हैं। लेकिन अब ऐसे मकानों के नियमन में भारी परेशानी हो रही है। यदि घोषणा पत्र के मुताबिक सरकार क्रियान्विति करती है तो लाखों लोगों को फायदा होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 192 निकाय संस्थाओं में से 16 नवम्बर को मात्र 49 निकायों में ही चुनाव हो रहे हैं। शेष निकायों में अगले वर्ष चुनाव होंगे।
एस.पी.मित्तल) (13-11-19)
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