राहुल गांधी का चौकीदार चोर है का नारा झूठा।

राहुल गांधी का चौकीदार चोर है का नारा झूठा।
जनता के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई।
हालांकि राहुल ने भी बिना शर्त माफी मांगी। 

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14 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 36 राफेल विमान खरीदने के सौदे की जांच की मांग की गई थी। कोर्ट ने साफ कहा कि अब इस मामले में जांच की कोई आवश्यकता नहीं हंै। कोर्ट के फैसले से जाहिर है कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने राफेल विमान खरीदने का जो सौदा किया, वह ईमानदारी पूर्ण है। सब जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने हर सभा में चौकीदार चोर है का नारा लगा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चोर कहा था। हालांकि चुनाव में मोदी को 303 सीटें दे कर देश की जनता ने राहुल गांधी के नारे को झूठा साबित कर दिया था, लेकिन चुनाव के बाद भी राहुल गांधी राफेल पर मोदी को बेईमान ठहराने से बाज नहीं आए, लेकिन अब देश की सर्वोच्च अदालत ने भी राफेल सौदे पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही राहुल गांधी के चौकीदार चोर है के नारे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना रहा कि राहुल गांधी को सोच समझ कर बयान देना चाहिए। लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने भले ही चौकीदार चोर है का शोर मचाया, लेकिन इसके लिए राहुल गांधी को तीन बार सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी। दो बार की माफी तो कोर्ट ने स्वीकार नहीं की। कोर्ट चाहता था कि जिस शोर के साथ राहुल ने प्रधानमंत्री को चोर कहा, उतनी ही विनम्रता के साथ राहुल गांधी बिना शर्त माफी मांगे। तीसरे शपथ पत्र में राहुल गांधी ने अपने कथन के लिए बिना शर्त माफी मांगी, तभी कोर्ट ने राहुल गांधी को अवमानना के आरोप से मुक्त किया। पाठकों को याद होगा कि पिछले दिनों ही राहुल गांधी ने कहा था कि राफेल विमान सौदे पर वे अब भी अपने पुराने स्टेंड पर कायम हैं, लेकिन 14 नवम्बर के कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को इस मुद्दे पर पीछे हटना पड़ेगा, क्योंकि कोर्ट ने विमान सौदे में केन्द्र सरकार को पाक साफ बताया है तथा चेतावनी देते हुए राहुल गांधी का माफीनामा स्वीकार किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि पचास वर्षीय राहुल गांधी अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। फैसले के बाद मोदी सरकार के अनेक मंत्री राहुल गांधी से सार्वजनिक माफी की मांग कर रहे हैं। सार्वजनिक माफी की मांग राहुल गांधी से करना बेमानी है, क्योंकि यदि समझदारी होती तो कांग्रेस और राहुल गांधी ऐसे आरोप लगाते ही नहीं। सब जानते हैं कि राफेल विमान खरीद का मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी ने जो आरोप लगाए, उससे कांग्रेस को नुकसान ही हुआ।
एस.पी.मित्तल) (14-11-19)
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