अजमेर के तीन निकायों में चार विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर।

अजमेर के तीन निकायों में चार विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर।
बागियों की वजह से भाजपा-कांग्रेस परेशान। 

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16 नवम्बर को अजमेर जिले की ब्यावर नगर परिषद के 60, पुष्कर और नसीराबाद नगर पालिका के क्रमश: 25 व 20 वार्डों में मतदाता शांतिपूर्ण तरीके से हो गया। इन तीन स्थानीय निकायों के चुनाव में चार विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। 19 नवम्बर को मतगणना वाले दिन इन चारों विधायकों की राजनीतिक हैसियत का पता चल जाएगा। चूंकि निर्वाचित पार्षद ही निकाय प्रमुख का चुनाव करेंगे, इसलिए वार्ड पार्षद का चुनाव महत्वपूर्ण है। ब्यावर नगर परिषद के 60 वार्डों के चुनाव की कमान कांग्रेस की ओर से मसूदा के विधायक राकेश पारीक ने संभाल रखी है। पारीक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के खास निर्देशों पर ब्यावर में डेरा जमाए हंै। इसके साथ ही गत विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे पारस पंच भी पूरी पंचायत कर रहे हैं। पंच को भी कांग्रेस की अंतरिक राजनीति में पायलट का समर्थक माना जाता है। पारीक और पचं की सिफारिश पर ही कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवार तय हुए हैं। इसी प्रकार भाजपा के वार्ड चुनाव की कमान क्षेत्रीय विधायक शंकर सिंह रावत और पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा के हाथों में है। सूत्रों की माने तो अधिकांश उम्मीदवार भूतड़ा की सिफारिश से तय हुए हैं। हालांकि उम्मीदवारों की घोषणा के समय विधायक रावत ने असंतोष जाहिर किया था। लेकिन बाद में राजनीतिक हालातों को समझते हुए रावत ने घोषित उम्मीदवारों को जिताने का काम किया। यानि ब्यावर में दो विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। पुष्कर नगर पालिका के 25 वार्डों में भाजपा की ओर से क्षेत्रीय विधायक सुरेश सिंह रावत के साथ साथ निर्वतमान अध्यक्ष कमल पाठक की प्रतिष्ठा दांव पर है। पुष्कर में भाजपा के उम्मीदवार रावत और पाठक की जोड़ी ने ही तय किए हैं।
चूंकि पालिका अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग का है, इसलिए दोबारा से अध्यक्ष बनने के लिए पाठक ने पूरा जोर लगा दिया है। चूंकि विधायक रावत का तालमेल पाठक के साथ अच्छा है इसलिएरावत को भी पाठक के अध्यक्ष बनने पर कोई एतराज नहीं है। वहीं कांग्रेस की कमान पूरी तरह पूर्व विधायक श्रीमती नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली ने संभाल रखी है। पुष्कर कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती मंजू कुर्डिया वो ही करती है जो श्रीमती अख्तर चाहती है। चूंकि श्रीमती अख्तर गत चुनावों में कांग्रेस की प्रत्याशी रही इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पुष्कर में श्रीमती अख्तर को पूरी छूट दी है। अब यदि पुष्कर में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता है तो हार का ठीकरा श्रमीती अख्तर के सिर पर ही फूटेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि विगत बार पालिका के चुनाव में कांग्रेस को मात्र एक वार्ड में जीत मिली थी। नसीराबाद में भाजपा के क्षेत्रीय विधायक रामस्वरूप लाम्बा की प्रतिष्ठा दांव पर है। पालिका के 29 वार्डों के उम्मीदवार लाम्बा की सिफारिश से ही तय हुए हैं। वहीं कांग्रेस की कमान पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने संभाल रखी है। इन चुनावों में देहात भाजपा के अध्यक्ष प्रोफेसर बीपी सारस्वत की भूमिका महत्वपूर्ण है। तीनों ही निकायोंके उम्मीदवार तय करने से लेकर चुनाव प्रचार और फिर मतदान तक सारस्वत सक्रिय है। ब्यावर और पुष्कर मेंकार्यकर्ताओंमें मनमुटाव को समाप्त करने में भी सारस्वत की सक्रियता देखी गई।
एस.पी.मित्तल) (16-11-19)
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