चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर में तीनों निकायों में कांग्रेस की हार।

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर में तीनों निकायों में कांग्रेस की हार।
ब्यावर, पुष्कर और नसीराबाद में भाजपा का बोर्ड बनेगा प्रो. सारस्वत।
नसीराबाद के वार्ड 6 में कांग्रेस को एक भी वोट नहीं मिला।
कांग्रेस को अब भाजपा में बगावत का इंतजार। 

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19 नवम्बर को 49 निकाय चुनाव परिणाम में प्रदेश में भले ही कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा हो, लेकिन प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर में तीनों निकायों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। रघु शर्मा जिले के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। ब्यावर नगर परिषद के 60 वार्डों में से कांग्रेस को 16 वार्डों में जीत मिली। इसी प्रकार पुष्कर और नसीराबाद नगर पालिका में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। रघु शर्मा अजमेर जिले से कांग्रेस सरकार में एक मात्र मंत्री हैं और जिले की राजनीतिक जिम्मेदारियां रघु शर्मा पर ही रहती है। कांग्रेस सरकार के गठन के बाद स्वाधीनता और गणतंत्र दिवस के जिला स्तर समारोह में भी रघु शर्मा ही ध्वाजारोहण करते हैं। जिले में अधिकारियों की नियुक्तियां भी रघु की सिफारिश पर ही होती है। तीनों निकायों में कांग्रेस के उम्मीदवारों के चयन में भी रघु का दखल रहा। जिले की राजनीति में रघु शर्मा को चुनौती देने वाला कोई नहीं है। रघु के राजनीतिक प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दिन पहले 18 नवम्बर को जब सीएम अशोक गहलोत अजमेर प्रवासपर आए तब रघु शर्मा को जयपुर से अपने साथ हेलीकॉप्टर में लाए। जबकि प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन, सामाजिक न्याय मंत्री मास्टर भंवर लाल शर्मा, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग आदि सड़क मार्ग से अजमेर आए। मुख्यमंत्री के संरक्षण की वजह से राजनीति में रघु का कद काफी बढ़ गया है, लेकिन तीनों निकाय चुनाव के परिणाम  बताते हैं कि अजमेर में कांगे्रस की स्थिति कमजोर है।
तीनों निकायों में बनेगा भाजपा का बोर्ड-सारस्वत:
वहीं अजमेर जिला देहात भाजपा के अध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत ने कहा कि ब्यावर नगर परिषद और पुष्कर व नसीराबाद नगर पालिका में भाजपा के बोर्ड बनेगा। निकाय प्रमुख को लेकर कोई विवाद नहीं है। भाजपा अनुशासित पार्टी है, इसलिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा। निर्वाचित पार्षदों की राय से नेता का चुनाव होगा। प्रो. सारस्वत ने कहा कि 60 सदस्यों वाले ब्यावर में भाजपा के 29 पार्षद विजयी हुई है, लेकिन सभापति के चुनाव में हमारे उम्मीदवार को अधिक वोट मिलेंगे। ब्यावर में 15 निर्दलीय पार्षदों में अधिकांश भाजपा के साथ है। इसी प्रकार पुष्कर और नसीराबाद में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। उन्होंने कहा कि तीनों निकायों में भाजपा की जीत संगठन की जीत है।
कांग्रेस को एक भी वोट भी नहीं मिला:
नसीराबाद के वार्ड नम्बर 6 में कांग्रेस के उम्मीदवार हरदेव सिंह को एक भी वोट नहीं मिला। इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या मात्र 16 थी। भाजपा के उम्मीदवार महेन्द्र डाबी ने सभी 16 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की। चूंकि कांग्रेस उम्मीदवार हरदेव सिंह का नाम मतदाता सूची में नहीं था। इसलिए वे स्वयं भी अपना वोट नहीं डाल सके। नसीराबाद में अब भाजपा का बोर्ड बनने की उम्मीद है। 20 वार्डों वाली नगर पालिका में भाजपा के 10 कांग्रेस के 8 तथा दो निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। यदि भाजपा में बगावत नहीं हुई तो नसीराबाद में भाजपा का बोर्ड बन जाएगा।
ब्यावर नगर परिषद:
60 सदस्यों वाली ब्यावर नगर परिषद में  भाजपा के 29, कांग्रेस के 16 तथा 15 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। बोर्ड बनाने के लिए 31 पार्षदों की जरुरत है। भाजपा को उम्मीद है कि 15 निर्दलीय पार्षदों में से कम से कम 6 पार्षदों का समर्थन मिल जाएगा। ब्यावर में भाजपा के नरेश कनौजिया, रवि चौहान, कुलदीप बोहरा आदि की दावेदारी है। ब्यावर सभापति का पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। कनौजिया को जहां क्षेत्रीय विधायक शंकर सिंह रावत का समर्थन है, वहीं रवि चौहान के साथ पूर्व विधायक देवी शंकर भूतड़ा खड़े हैं। यदि भूतड़ा की चली तो रवि चौहान ही ब्यावर नगर परिषद के सभापति होंगे। इस बीच कांग्रेस को उम्मीद है कि सभापति के पद को लेकर भाजपा में बगावत होगी। ऐसे में 15 निर्दलीय पार्षदों और कुछ भाजपा बागी पार्षदों की मदद से नगर परिषद पर कब्जा किया जा सकता है।
पुष्कर नगर पालिका:
25 सदस्यों वाली पुष्कर नगर पालिका में भाजपा के 14, कांग्रेस के 9 तथा 2 निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। मौजूद अध्यक्ष कमल पाठक फिर से अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन इस बार पाठक को अपनी ही पार्टी के पार्षद शिवस्वरूप महर्षि, वंदना पाराशर और उमा देवी से कड़ी चुनौती मिल रही है।  बताया जाता है कि पाठक को 14 में से 10 भाजपा पार्षदों का समर्थन है। निर्दलीय पार्षद कैलाश सृष्टि भी पाठक के साथ बताए जाते हैं लेकिन दूसरे निर्दलीय पार्षद जयनारायण दग्दी पाठक का खुला विरोध कर रहे हैं। ब्यावर की तरह पुष्कर में भी कांग्रेस को भाजपा में बगावत की उम्मीद है। कांगे्रस का मानना है कि यदि कमल पाठक को दोबारा से उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो पुष्कर के भाजपा पार्षदों में विभाजन हो जाएगा और तब कांगे्रस की लॉटरी निकल सकती है।
एस.पी.मित्तल) (19-11-19)
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