फेफड़ों पर अटैक हार्ट अटैक से भी घातक।

फेफड़ों पर अटैक हार्ट अटैक से भी घातक।
मृत्यु दर में राजस्थान अव्वल। भारत में रोजाना 2300 मौते। 

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प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी विश्व सीओपीडी दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाएगा। आम भाषा में सीओपीडी को फेफड़ों पर अटैक माना जाता है। फेफड़ों पर अटैक हार्ट अटैक से भी घातक होता है। इस रोग के घातक होने का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारत में प्रति दिन 2300 मौतें होती हैं। इसमें राजस्थान पहले नम्बर पर है। फेफड़ों पर अटैक के रोग पर डॉक्टर दीप्ति अरोड़ा और डॉ. पीयूष अरोड़ा ने व्यापक अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि सीओपीडी का मतलब क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज होता है। चूंकि शरीर में फेफड़े नाजुक होते हैं, इसलिए हल्के अटैक से भी मनुष्य को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। दुनिया में भारत को सीओपीडी की राजधानी माना जाता है। एड्स, टीबी, मलेरिया और मधुमेह से होने वाली मौतों की संख्या से अधिक मौतों की संख्या सीओपीडी की है। आमतौर पर मीडिया में हृदय रोग की चर्चा होती है, जबकि सीओपीडी हृदय रोग से भी घातक है। युवा स्थिति में यदि फेफड़ों पर अटैक होता है तो फिर सांस लेना मुश्किल हो जाता है। मनुष्य को यदि सांस लेने में कठिनाई होती है तो फिर उसका सारा जीवन बर्बाद हो जाता है। ताजा अध्ययन से पता चला है कि उचित इलाज नहीं लेने की वजह से श्वास संबंधी रोगों को बढ़ावा मिलता है। राजस्थान में प्रति एक लाख आबादी पर 111 व्यक्तियों की इस रोग से मृत्यु होती है। डॉ. दीप्ति और डॉ. पीयूष ने बताया  कि ऑक्सीजन का स्तर सामान्य से कम होना सांस लेने में कठिनाई तेजी से उथली सांस लेना आदि लक्षणों से पता चलता है कि फेफड़ों पर अटैक हो रहा है। इसके लिए मरीज को तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। यदि अटैक के बाद समूचित इलाज नहीं करवाया जाता है तो मृत्यु होने की संभावना अधिक होती है। फेफड़ों के अटैक, हर मामले में पूरी तरह से ठीक नहीं होते। कुछ सावधान रखने से अटैक को कम किया जा सकता है। श्वास मार्गों को खोलने और प्रभाव को कम करने के लिए इनहेलर्स का उपयोग किया जाना चाहिए। फेफड़े मुख्य रूप से हमारे शरीर में ऑक्सीजन  की आपूर्ति और कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकालने का काम करते हैं। लंग्स अटैक से इसमें दखल होता है। इसलिए सांस लेने के लिए सप्लीमेंट ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। फेफड़ों के अटैक में जागरुकता की जरूरत है। जिस प्रकार लगातार मृत्यु दर बढ़ रही है उससे सरकार को भी पर्याप्त उपाय करने चाहिए। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9887088122 पर डॉ. पीयूष अरोड़ा से ली जा सकती है। डॉक्टर अरोड़ा अजमेर में वैशाली नगर की एलआईसी कॉलोनी स्थित अपने निवास पर भी चिकित्सकीय परामर्श देते हैं।
एस.पी.मित्तल) (19-11-19)
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