अब कांग्रेस के निशाने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ।

अब कांग्रेस के निशाने पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ।
राजस्थान में संघ की शाखाओं में भाग लेने वाले सरकारी कार्मिकों की शामत।
महाराष्ट्र में संघ की शिक्षण संस्थाओं को दी गई छूट वापस। 

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कांग्रेस के दिग्गज नेता यूं तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला करते ही रहते हैं। लेकिन अब कांग्रेस शासित और कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली सरकारें संघ को निशाना बना रही है। ऐसी कार्यवाहियों का मकसद स्वयं सेवकों को डराना और धमकाना है। राजस्थान में जो सरकारी कर्मचारी संघ की शाखाओं में भाग लेता है उसका ब्यौरा अब सरकार की ओर से तैयार करवाया जा रहा है। इसके साथ ही जिन सार्वजनिक स्थलों पर संघ की शाखाएं लगती है उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। इस संबंध में प्रदेश भर के जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर जानकारी मंगवाई गई है। यानि अब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पास इस बात का ब्यौरा होगा कि प्रदेश भर में किन किन स्थानों पर संघ की शाखाएं लग रही हैं तथा कौन से अधिकारी और कर्मचारी संघ की शाखाओं में भाग ले रहे हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि विधानसभा में एक सदस्य द्वारा सवाल पूछे जाने पर ही ऐसी जानकारी एकत्रित की जा रही है। मालूम हो कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अक्सर संघ की आलोचना करते हैं। गहलोत ने हाल ही में कहा है कि संघ को सीधे तौर पर राजनीति में आ जाना चाहिए। गहलोत संघ और भाजपा की विचारधारा के विरोधी भी रहे हैं। ऐसे में स्वयं सेवकों के बारे में जानकारी एकत्रित किए जाने को राजस्थान में राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में कांग्रेस के समर्थन से बनी गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संघ की कुछ शिक्षण संस्थानों को पूर्व में दी गई टैक्स की छूट वापस ले ली है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में भी संघ की शिक्षण संस्थाओं की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पूर्ववर्ती देवेन्द्र फडऩवीस की सरकार ने संघ की विभिन्न शिक्षण संस्थानों को टैक्स में छूट दी थी। यह छूट भूमि आवंटन से भी संबंधित थी। लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार संघ की शिक्षण संस्थाओं को मिली छूट के बारे में जानकारी एकत्रित कर रही है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस का दबाव है कि संघ की शिक्षण संस्थाओं पर कार्यवाही की जाए। यह बात अलग है कि पिछली भाजपा सरकार में जब ऐसी शिक्षण संस्थाओं को छूट मिली थी, शिवसेना भी भाजपा सरकार का समर्थन कर रही है। तब शिवसेना के किसी भी विधायक ने ऐसी छूट का विरोध नहीं किया था। लेकिन कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली ठाकरे सरकार संघ की शिक्षण संस्थाओं की सुविधाओं को वापस ले रही है।
एस.पी.मित्तल) (05-12-19)
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