पश्चिम बंगाल को अपनी बपौती मानती हैं ममता बनर्जी।

पश्चिम बंगाल को अपनी बपौती मानती हैं ममता बनर्जी।
सचिवालय में प्रवेश नहीं देने पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को धरने पर बैठना पड़ा। विधानसभा अध्यक्ष ने लंच भी रद्द किया। 

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5 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को कोलकाता में सचिवालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा। धनखड़ सचिवालय और विधानसभा भवन को देखेंगे, इसकी सूचना 4 दिसम्बर को ही राजभवन ने राज्य सरकार को भिजवा दी थी। विधानसभा भवन आने पर विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल को लंच का निमंत्रण भी दिया, लेकिन 5 दिसम्बर को जब राज्यपाल सचिवालय पहुंचे तो सारे गेट बंद मिले। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने राज्यपाल को किसी भी गेट से प्रवेश नहीं दिया। इसी दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भी सूचना भिजवा दी कि वे राज्यपाल को लंच देने में असमर्थ हैं। सचिवालय में प्रवेश नहीं देने पर नाराज राज्यपाल धनखड़ धरने पर बैठ गए। धनखड़ ने कहा कि यह आजाद भारत में पहला अवसर है जब किसी राज्यपाल को धरने पर बैठना पड़ा है। उनके साथ ऐसा बर्ताव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर हो रहा है। पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का अपमान किया जा रहा है। राज्यपाल अपने प्रदेश में संविधान का प्रमुख होता है, लेकिन ममता बनर्जी संविधान का भी सम्मान नहीं कर रही हैं। वे जल्द ही इस संबंध में एक रिपोर्ट बनाकर केन्द्र सरकार को भेजेंगे। सवाल उठता है कि क्या ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को अपनी बपौती समझती है? यदि राज्यपाल सरकार के किसी संस्थान को देखना चाहते हैं तो इसमें क्या बुराई है? ममता बनर्जी सचिवालय में इसलिए बैठी हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता ने विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी टीएमसी को जितवाया था। यदि जनता वोट नहीं देती तो ममता बनर्जी दोबारा से पश्चिम बंगाल की सीएम नहीं बन सकती थीं। जिस जनता ने विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को पूर्ण बहुमत दिया, उसी जनता ने लोकसभा चुनाव में चालीस सीटों मे 18 सीटें भाजपा को दे दी। पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। हो सकता है कि इस बार ममता बनर्जी सीएम बनने का मौका नहीं मिले। जो ममता बनर्जी आज राज्यपाल को सचिवालय में प्रवेश नहीं दे रही है वो ममता तब क्या करेंगी, जब मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी? लोकतंत्र में मंत्री और मुख्यमंत्री सरकारी सम्पत्तियों के ट्रस्टी होते हैं। किसी को भी सरकारी सम्पत्तियों को अपनी बपौती नहीं समझना चाहिए। सब जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह का हेलीकॉप्टर भी नहीं उतरने दिया था। जब शाह ने रोड शो किया तो पेट्रोल बम फेंके गए। पश्चिम बंगाल में आए दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही है। आरोप है कि ऐसी हत्याएं सरकारी संरक्षण में हो रही है। ममता बनर्जी को लगता है कि वे आजीवन मुख्यमंत्री बनी रहेंगी। इसलिए जो मन में आ रहा है वो कर रही हैं। जब राज्यपाल के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। जब राज्यपाल के साथ ऐसा व्यवहार  हो रहा है,तब पश्चिम बंगाल में आम व्यक्ति की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल) (05-12-19)
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