अमित शाह ने जोधपुर की रैली में मोबाइल पर 88662-88662 नम्बर पर डायल करवा कर सीएए का समर्थन करवाया।

अमित शाह ने जोधपुर की रैली में मोबाइल पर 88662-88662 नम्बर पर डायल करवा कर सीएए का समर्थन करवाया।
मोदी सरकार अब सीएए पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी, विपक्ष चाहे कितना भी जोर लगा ले।
विस्थापितों को नागरिकता देने के लिए पत्र लिखने के बाद भी अशोक गहलोत विरोध क्यों कर रहे हैं?

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 जनवरी को राजस्थान के जोधपुर में केन्द्रीय गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया। अपने भाषण के शुरू होने पर शाह ने रैली में उपस्थित हजारों लोगों से मोबाइल निकलवाया और 88662-88662 पर डायल करवाया। अमित शाह ने कहा कि इस नम्बर पर डायल करने से सीएए का समर्थन दर्ज हो जाएगा। किसी भी उपभोक्ता को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। शाह ने कहा कि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल जब देश के लोगों को गुमराह कर सीएए का विरोध करवा रहे हैं तो भाजपा ने भी जनजागरण अभियान चलाया है। जो नागरिक निर्धारित नम्बर पर डायल करेगा उसका समर्थन अपने आप दर्ज हो जाएगा। शाह ने देशवासियों से अपील की कि वे मोबाइल पर अपना समर्थन दर्ज करवाएं ताकि उन ताकतों को करारा जवाब दिया जा सके जो हिन्दू, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारत में नागरिकता देने का विरोध कर रहे हैं। शाह ने कहा कि पाकिस्तान से प्रताडि़त होकर आए नागरिकों को नागरिकता देने का वायदा महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, डॉ. मनमोहन सिंह आदि सभी नेताओं ने किया था। लेकिन वोट बैंक की राजनीति के चलते 70 सालों से ऐसे लोगों को नागरिकता नहीं दी जा सकती। इस बार 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विस्थापितों को नागरिकता देने का फैसला किया है।  शाह ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं पत्र लिखा था, लेकिन आज गहलोत भी विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं को बताना चाहिए कि आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? 1947 में धर्म के आधार पर जब देश का विभाजन हुआ था, तब दोनों देशों ने भरोसा दिलाया था कि अल्पसंख्यकों को पूरा सम्मान दिया जाएगा। विभाजन के समय पाकिस्तान में 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे, लेकिन इन अल्पसंख्यकों पर धर्म के आधार पर जो ज्यादती हुई उसका परिणाम है कि आज पाकिस्तान में तीन प्रतिशत अल्पसंख्यक रह गए हैं। जबकि भारत में अल्पसंख्यकों को पूरा सम्मान मिला यही वजह है कि भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी लगातार बढ़ रही है। अमित शाह ने सवाल उठाया कि पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताडि़त अल्पसंख्यक भारत में शरण नहीं लेंगे, तो फिर कहां लेंगे? उन्होंने कहा कि संशोधित कानून किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। इस कानून के माध्यम से जिन शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलेगी उसमें 70 प्रतिशत दलित वर्ग के हैं, लेकिन फिर भी बसपा की मायावती, टीएमसी की ममता बनर्जी, सपा के अखिलेश यादव आदि विरोध कर रहे हैं क्या ऐसे नेता अपने दलितों का विरोध नहीं कर रहे? शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया। इसी प्रकार अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनवाने की बाधाओं को हटाया। क्या ये सब कार्य जनविरोधी है? मोदी ने देश की एकता और अखंडता के लिए निर्णय किए हैं। लेकिन कांग्रेस और विपक्षी दलों को इन फैसलों पर एतराज है, इससे विपक्षी दलों की मंशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल) (03-01-2020)
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