जायरीन के शौचालय निर्माण के लिए दरगाह कमेटी ने दान प्राप्त करने के लिए हाथ पसारे।

जायरीन के शौचालय निर्माण के लिए दरगाह कमेटी ने दान प्राप्त करने के लिए हाथ पसारे। केन्द्र सरकार के अधीन आती है ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी। विवादित जमीन पर बन रहे हैं शौचालय। 

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स्वच्छता अभियान के अंतर्गत भले ही केन्द्र सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए प्रत्येक परिवार को अनुदान दे रही हो, लेकिन केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह कमेटी शौचालय निर्माण के लिए दानदाताओं के समक्ष हाथ पसार रही है। दरगाह कमेटी के नाजिम ने एक अपील जारी कर बताया है कि दरगाह के निकट सोलह खम्भा क्षेत्र में 84 शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। इस पर करीब साठ लाख रुपए का खर्च आएगा। चूंकि दरगाह आने वाले जायरीन को शौचालयों की सख्त जरूरत है, इसलिए दरगाह कमेटी शौचालयों का निर्माण कर रही है। चूंकि दरागाह के आस पास सार्वजनिक शौचालय नहीं है, इसलिए बाहर से आने वाले जायरीन को परेशानी होती है। अपील में बताया गया कि गत पांच दिसम्बर से टोयलेट ब्लॉक का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। अपील की गई है कि दिल खोलकर मदद करें। दान देने वालों को बकायदा रसीद भी दी जाएगी। दरगाह कमेटी ने एसबीआई आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक खातों के नम्बर भी जारी किए हैं ताकि दानदाता दान की राशि सीधे खातों में जमा करवा सके। दान देने के लिए दरगाह कमेटी ऑफिस के लैंड लाइन नम्बर 0145-2429332, 2425498 तथा 2630331 पर भी संवाद किया जा सकता है।
विवादित है जमीन:
दरगाह के निकट सोलह खम्भा क्षेत्र की जिस भूखंड पर शौचालय बनाए जा रहे हैं वह भूखंड विवादित बताया जा रहा है। दरगाह से जुड़े कुछ लोगों ने भूखंड के मालिकाना हक को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर कर रखी है। इस भूखंड पर दरगाह के दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन भी अपना दावा करते हैं। दरगाह कमेटी ने नगर निगम से जो नक्शा स्वीकृत करवाया है उसमें यह बताया है कि भूतल पर दरगाह दीवान का ऑफिस होगा, जबकि प्रथम तल पर शौचालय का निर्माण किया जाएगा। दरगाह कमेटी की अपील को लेकर दरगाह क्षेत्र में अनेक चर्चाएं हो रही है। चूंकि दरगाह कमेटी केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है, इसलिए दरगाह कमेटी द्वारा दान की अपील किए जाने को गैर जरूरी बताया जा रहा है। एक ओर केन्द्र सरकार स्वच्छता अभियान के अंतर्गत करोड़ों रुपए का अनुदान दे रही है तो दूसरी ओर दरगाह कमेटी शौचालय निर्माण के लिए दान मांग रही है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इन दिनों अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कोई दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में शौचालयों का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत भी करवाया जा सकता है। दरगाह कमेटी को विभिन्न प्रकार से भी दान की राशि प्राप्त होती है।
एस.पी.मित्तल) (19-01-2020)
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